आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
11 दिसंबर। कीरतपुर- नेरचौक फोरनेल हाइवे के राजस्व रिकॉर्ड में बहुत सी अनियमितताएं सामने आ रही है। सरकार को इनकी जांच करवानी चाहिए। यह बात जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव संदीप संख्यां ने कही।उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्व विभाग, नेशनल हाईवे ऑथोरिटी और निजी कंपनियों की मिली भगत से फोरनेल के विस्थापितों और प्रभावित किसानों की जमीनों का बड़ा चूना लगाया जा रहा है। जो भी राजस्व रिकॉर्ड फोरलेन के लिए भूमि अधिकृत करने के लिए लिया गया वह पढ़ा ही नहीं जा रहा है यह राजस्व रिकॉर्ड सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 से मिली जानकारी से मिला है। यह इतनी बड़ी धांधली है कि मौके पर निशानदेही कुछ और है जबकि वास्तविकता के हिसाब से राजस्व रिकार्ड कुछ और दिखा रहा है। बहुत सी जमीनें मौका ततिमो के हिसाब से न तो मोमी में चढ़ाई गई है और मौसाबी में चढ़ाना तो दूर की बात है। इस फोरलेंन हाइवे में लैंड एक्शन प्लान कुछ और है जबकि यह लैंड एक्शन प्लान मौके पर अप्रूवल रोड एलाइनमेंट से मैच ही नहीं करता है।
यह राजस्व अधिकारियों और सिविल इंजीनियरिंग की बहुत बड़ी गलती है, जिसका खामियाजा फोरनेल के विस्थापितों और लोकल किसानों को अपनी बहुमुल्य जमीनों को गवा कर भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जानकारी के अनुसार कुछ प्रभावशाली लोंगो को फोरनेल के साथ जोड़ने के लिए भी फोरलेन ऑथोरिटी और लोकल प्रशासन ने भी तत्कालीन समय मे अपरोक्ष रूप से मदद की थी और इस सारे घटनाक्र में फोरलेन बनाने वाली निजी कंपनियों, नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया और लोकल तौर पर भूमि अधिग्रहण कार्यालय सीधे तौर पर दोषी है और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने वाली अधिकारियों के सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।