आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ साथ यदि अच्छे संस्कार मिले तो वह छोटी सी उम्र में भी ऐसे काम कर जाते है जिससे समाज मे उनके अभिवावको का मान सम्मान और भी बढ़ जाता है। किसी ने ऐसे ही नहीं कहा है कि मनुष्य की असली सम्पति उसकी औलाद है। बच्चों के कार्य से ही उनके संस्कारो की पहचान हो जाती है। यदि बच्चों को अच्छे संस्कार मीले तो वह छोटी से उम्र में भी सही गलत की पहचान कर लेता हैं और बच्चे के हृदय में मानवता खुद जन्म लेती है।
जिला सोलन दारला घाट के 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले प्रज्वल गौतम ने ऐसा ही कुछ कर डाला जिसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है और सभी इसके लिए परिवार के संस्कार बता रहा है, जिनके चलते इतनी छोटी उम्र में इस बच्चे ने यह काम कर डाला। जिला सोलन दारला घाट के प्रज्वल गौतम सपुत्र गोपाल गौतम ने अपनी पॉकिट मनी को इकट्ठा कर जो 11 हजार रुपए की जमापूंजी इक्ठी की थी, उसे मंगलवार को सीएम सुखविंदर सुक्खू को मुख्यमंत्री आश्रय सहायता कोष के लिए सौंपा।
प्रज्वल गौतम उर्फ शशांक जोकि सैंट एडवर्ड स्कूल शिमला में नौवीं क्लास में पढ़ते हैं, अपनी छोटी से उम्र से ही अपने अभिभावकों द्वारा उन्हे दिए गए जेब खर्च को इकट्ठा कर उस पैसे को दूसरो की मदद करने का शोक रखते हैं।
प्रज्वल गौतम उर्फ शशांक का कहना है कि वह बहुत भाग्यशाली है कि उनका जन्म एक अच्छे परिवार में हुआ है, जहां उनके अभिभावक उन्हे बेहतर शिक्षा और उनकी रोजमर्रा की आवश्यकताएं पूरी करने में सक्षम हैं, परंतु हमारे देश में यहां तक कि हमारे आस पास भी बहुत परिवार एसे हैं जोकि अपने बच्चों को शिक्षा दिलवाना तो दूर बल्कि दो बख्त की रोटी तक जुटाना नामुमकिन है।
प्रज्वल गौतम का कहना है कि वह उनके अभिभावकों द्वारा दी गई पाॅकिट मनी को बेफिजूल खर्च न कर अपनी पढ़ाई के लिए इस राशि को इकट्ठा कर रहे थे, लेकिन जब उन्हे उनके पिता द्वारा यह जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री ने सुख आश्रय सहायता कोष की शुरुआत की है, तो उन्होंने सोचा कि निराश्रित बच्चों को यह पैसा दिया जाना चाहिए, उन्होंने अन्य बच्चों से भी अनुरोध किया है कि वह भी आगे आकर सुख आश्रय सहायता कोष में दान कर मदद करें।