आवाज़ ए हिमाचल
ब्यूरो,शाहपुर
05 फरवरी।शाहपुर के द न्यू इरा स्कूल ऑफ साइंसेस छतड़ी में विद्यार्थी संस्कार शिविर का आयोजन किया है।पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के आजीवन सदस्य,योगाचार्य एवं पूर्ण कालिक सेवाव्रति रजनेश कुमार द्वारा शिविर के दौरान स्कूली बच्चों को योगिक जोगिंग,सूर्य नमस्कार,सुक्ष्म व्यायाम, विभिन्न प्रकार के आसनों के साथ-साथ अष्टांग योग,यम-नियमों का महत्व तथा प्राणायाम के बारे में विस्तार से बताया गया।माता पिता और गुरु का स्थान कितना ऊंचा होता है,इसके बारे में भी जानकारी दी गई।उन्होंने कहा कि बिना गुरु के कभी भी ज्ञान प्राप्त नहीं होता है ,इनकी जितनी सेवा की जाए उतनी ही कम है।गुरु की कृपा से जीवन धन्य हो जाता है,गुरु ही मनुष्य की नैया को पार लगा देते हैं। माता-पिता के बाद गुरु ही जिन्दगी को संवारा करते हैं।शिविर के दौरान योगाचार्य रजनेश कुमार द्वारा बच्चों को बहुत सी प्रकार की जानकारियां दी गई।
दैनिक दिनचर्या,खानपान तथा कई सामाजिक गतिविधियों बारे भी विस्तार से बताया गया।स्कूल की प्रधानाचार्या सुषमा गुलेरिया ने बताया कि योगाचार्य रजनेश कुमार समाज में प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।समाज सेवा का कोई भी काम हो रक्तदान हो,पौधा रोपण तथा नि:शुल्क योग सेवा में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।2004 को पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में जुड़ने के बाद अभी तक 586 नि:शुल्क योग शिविर लगा चुके हैं,जिसमें इनकी धर्मपत्नी रमा देवी भी पूर्ण सहयोग करती हैं।आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में योग अत्यंत ही महत्वपूर्ण है, योग से बच्चों का भविष्य संवर सकता है,जो बच्चे योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेंगे,उन्हें भविष्य में किसी भी प्रकार का रोग नहीं होगा।
प्रधानाचार्या सुषमा गुलेरिया ने अपने संबोधन में इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में योग से पूर्ण स्वस्थ रहने का एक अभिन्न अंग बताया तथा बच्चों को अपनी पुरानी संस्कृति बारे विस्तार से बताया।शिविर में भाग ले रहे उप प्रधानाचार्य वनिता देयोलिया,मुख्य अध्यापिका अंतिमा शर्मा,बृजेश शर्मा, ऋषिका मधुबाला,पूजा बलौरिया, किरण पठानिया,गौरव शर्मा,आशीष मन्हास,शिवानी,भूम्पालिया,कशिश, सिद्धार्थ,कौशिक राणा,ऐंजल सहित स्कूल के छात्रों ने योग की सभी क्रियाओं को भली प्रकार से समझा व अपने जीवन में उतारने का प्रण लिया।
शिविर में योगाचार्य रजनेश कुमार द्वारा बच्चों को योग,अध्यात्म,संस्कार और भारतीय शिक्षा बोर्ड के बारे में विस्तार से बताया गया।इस अवसर पर बच्चों द्वारा संस्कृति कार्यक्रम भी पेश किए गए। इस अवसर पर स्कूल के भानगढ़ में तेज पत्ता का पौधा भी लगाया गया। स्कूल स्टाफ द्वारा योगाचार्य को स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया।