आवाज ए हिमाचल
4 जनवरी। कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है और सीरम इंस्टीट्यूट भारत में इसका उत्पादन कर रहा है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने रविवार को इस वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने आज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ भारत की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के उत्पादन को अनुमति दे दी। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने एक लिखित आदेश में सीरमको उसकी कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के उत्पादन की अनुमति दी है।ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी। इस पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने रविवार को कहा कि वह भारतीय ड्रग रेगुलेटर से मंजूरी मिलने के बाद आने वाले हफ्तों में देश में कोविशिल्ड वैक्सीन को उतारने के लिए तैयार है।
सीरम इंस्टीट्यूट के टीके की तैयार डोज की गुणवत्ता जांचने का काम भी हो गया है। सीरम इंस्टीट्यूट ने 31 दिसंबर तक 7.5 करोड़ डोज तैयार होने और जनवरी के पहले हफ्ते तक इसे बढ़ाकर 10 करोड़ करने का दावा किया है। इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पहले ही वैक्सीन के लगभग 5 करोड़ डोज का स्टॉक कर लिया है और अगले वर्ष मार्च तक हर महीने 10 करोड़ डोज का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है।28-29 दिसंबर को चार राज्यों के सात जिलों में सफलता के बाद शनिवार को पूरे देश में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया गया। इस दौरान केंद्र तक टीका पहुंचाने से लेकर टीका लगाए जाने तक की सभी तैयारियों को परखा गया। 125 जिलों में हुए ड्राई रन में करीब 1.14 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया। इसमें लाभार्थियों की पहचान करने वाले व वैक्सीन लगाने वालों से लेकर कोल्ड चेन एवं कचरा प्रबंधन तक के लोग शामिल किए गए।