आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
04 मई।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि जिस तरह से कोविड19 के मामले प्रदेश रोजाना 3500 प्लस आने शुरू हो चुके है और प्रतिदिन 35 प्लस मृत्यु होने लगी है तो ऐसे में प्रदेश सरकार को कोई ठोस फैसला लेना चाहिए। राम लाल ठाकुर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि बिलासपुर जैसे छोटे शहर में यदि पिछले 24 घण्टो में 400 मामले आये हैं तो जिला कांगड़ा, मंडी, सोलन व शिमला में तो हालात बहुत भयंकर हो चुके हैं।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने जहां पर प्रदेश के चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ की पीठ थपथपाई है वहीं उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि प्रदेश सरकार को कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए। राम लाल ठाकुर इस मसले पर यह भी कहा कि प्रदेश में निजी बसों, टैक्सी, ऑटो और दिहाड़ीदार मज़दूरों को कम से कम दो माह का राशन और 5000 से 10000 रुपये की अनुदान राशि के साथ साथ इनको टेक्स में भी छूट देनी चाहिए ताकि लोंगो को छोटी-मोटी जरूरतें और दवाइयों का खर्चा निकल सके। उन्होंने कहा जो लोग कोविड19 को लेकर कोरोना वारियर्स का काम कर रहें उनको प्रदेश सरकार को प्रोत्साहित करके सम्मानित किया जाना चाहिए। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड 19 की पहली लहर तो जागरूक की कमी थी लेकिन डर के कारण नियंत्रित की जा सकी थी लेकिन कोविड 19 की दूसरी लहर के लिए एकदम से सारी तरह की छूट देना प्रदेश सरकार की बड़ी नाकामी और नासमझी साबित हुई है, लेकिन अभी समय है प्रदेश सरकार को सूझ-बुझ कर फैसला लेना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार के इस त्रासदी में हम लोग लोंगो और सरकार के साथ खड़े हैं क्योंकि यह एक वैश्विक त्रासदी है और मानवता के लिए बड़ी चुनौती है। इसलिये अब प्रदेश सरकार को फैसला लेने से डरना नहीं चाहिए क्योंकि अब तो प्रदेश में प्रश्न मानवता को बचाने का हो गया है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर अपनी विधानसभा क्षेत्र में कोविड 19 के खिलाफ जंग जारी रखी है और लोंगो को कोविड 19 की वैक्सिनेशन अवश्य करवानी चाहिए। उन्होंने कहा की एक साल पहले चीन की सरकार ने वुहान में लॉकडाउन लागू कर दिया था। कई सप्ताह तक अधिकारी दावा करते रहे कि कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण में है, तब तक वहां मांस के एक बाज़ार के इलाके में कुछ दर्जन मामले थे।
लेकिन वास्तविकता ये थी कि कोरोना संक्रमण पूरे शहर में फैलते हुए देश भर में पसर चुका था वही हाल आज देश और हिमाचल प्रदेश में हो चुका है। यह स्टोरी उन पांच अहम दिनों की है जब कोरोना संक्रमण वुहान में तेज़ी से फैला था। कोविड 19 का पहला मामला, एक दिसंबर को बीमार पड़े 70 साल से अधिक उम्र के बुज़ुर्ग का था। इनमें से अधिकांश लोग हुनान सी फूड मार्केट से जुड़े हुए थे। शुरुआती नतीजों में ही इसके सार्स से मिलते जुलते नोवल कोरोना वायरस होने के संकेत मिल गए थे। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों और देश के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) को इसके बारे में बताया गया लेकिन आम लोगों को कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मामलों से प्रदेश सरकार को भी देखना चाहिए और प्रदेश की गम्भीर स्थिति को देखते हुए जल्द से निर्णय लेना चाहिए ताकि लोंगो को बचाया जा सके।