आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
28 नवंंबर। ज़िला परिषद के पूर्व पार्षद जितेंद्र चंदेल ने कहा कोरोना महामारी के बीच पंचायत चुनाव करवाना सही नहीं है,क्योंकि जिस तरह से इस बीमारी का संक्रमण फैल रहा है, उससे भविष्य की कल्पना करना भयावह है। जितेंद्र चंदेल ने कहा कि दिसंबर या जनवरी महीने में हिमाचल प्रदेश में पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव होने जा रहे हैं, जिसके लिए प्रदेश सरकार दिन रात एक कर रही है,लेकिन क्या यह उचित है कि छोटे से राज्य हिमाचल प्रदेश में हर दिन दस से पंद्रह लोग कोरोना बीमारी के कारण काल का ग्रास बन रहे हैं और आठ सौ के करीब लोग कोरोना पाॅजीटिव आ रहे हैं।
यही नहीं इस आंकड़े में सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी लपेटे में आ रहे हैं। जबकि आम जनता का आंकड़ा इससे कहीं अधिक है। ऐसे में सरकार का निर्णय सवालों के कटघरे में खड़ा होना बनता है। जितेंद्र चंदेल ने कहा कि बीते रोज एसपी बिलासपुर भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं जबकि हर रोज सैंकड़ों लोग इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे हालातों में क्या इन चुनावों का होना इतना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे परामर्श देकर आगे प्रेरित करने वाले सलाहकारों के विवेक पर सवालों का उठना अब लाजमी हो गया है। उन्होंने कहा कि इन चुनावों को संपन्न करवाने के लिए जहां सरकारी मशीनरी को पूरे तौर तरीके से मैदान में उतरना पड़ेगा वहीं उम्मीदवारों को भी अपनी -अपनी जीत को सुनिशिचत करने के लिए घर-घर जाकर दस्तक देनी पड़ेगी, ऐसी परिस्थितियों में आगे हालात क्या होंगे यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन ऐसी भी क्या मजबूरी है कि पंचायती राज चुनावों का क्रियान्वयन हो ही जाए।
जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती इन चुनावों को मार्च अप्रैल तक टाला जा सकता है। जितेंद्र चंदेल ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मांग की है कि वक्त की नजाकत को समझें और इन चुनावों को टाल दे।