आवाज ए हिमाचल
20 फरवरी।करुणामूलक परिवारों ने प्रदेश सरकार तक अपनी मांगों को पहुंचाने के लिए एक बार से “मिशन स्पीड पोस्ट” अभियान शुरू कर दिया है।प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार के नेतृत्व में प्रदेश के तमाम करूणामूलक आश्रितों ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपना मांगपत्र भेजना शुरू कर दिया है,साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा गठित करुणामुल्क सब कमेटी में शामिल नेताओं,मुख्य सचिव व वित्त सचिव को भी पत्र के माध्यम से अपनी मांगों से अवगत करवा रहे हैं।अध्यक्ष का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार करूणामूलक आश्रितों के लिए विषेश बजट का प्रावधान कर करुणामूलक नौकरियों को बहाल करे,आय सीमा में संशोधन करे और 22 सितम्बर 2022 को पूर्व सरकार द्वारा निकाली गई अधिसूचना,जिसमे लिखा गया है कि जो मामले वित्त विभाग में अस्वीकृत हुए हैं,उन्हें दोबारा स्वीकार नहीं किया जाएगा।इस अधिसूचना को पूर्ण रूप से रद्द किया जाए। जिन विभागों बोर्ड निगमों यूनिवर्सिटी में खाली पद नहीं है,उन केसों के लिए पॉलिसी में प्रावधान करके अन्य विभागो में शिफ्ट करके इन परिवारों को नौकरियों का प्रावधान किया जाए।प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि करूणामूलक आधार पर नौकरियों का इंतजार करते हुए 15 से 20 साल हो चुके हैं,लेकिन अभी भी हम करूणामूलक आश्रितों को सरकार अनेदखा कर रही है। कुछ करूणामूलक आश्रित तो नौकरी का इंतजार करते हुए खुद मृत्यु को प्राप्त हो गए है। बहुत सारे करूणामूलक आश्रितों की आयु अब 45 वर्ष हो रही है।पता नहीं इन करूणामूलक आश्रितों का दर्द हिमाचल प्रदेश सरकार को क्यों नज़र नहीं आ रहा है।