आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 30 जून। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (आईजीएमसी) के कार्डियोलॉजली विभाग में उपचाराधीन एक मरीज की बुधवार को ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई। इस पर परिजनों ने हंगामा कर दिया और चिकित्सकों की लापरवाही को मौत का कारण बताया। उनका कहना है की मरीज की मौत डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुई है।
परिजनों ने डॉक्टर्स पर आरोप लगाया है कि मरीज की हालत अगर नाजुक थी, तो पहले ही पीजीआई रेफर करना चाहिए था और या जन मशीन आई तब उन्होंने मशीन आने के दो दिन बाद ऑपरेशन किया गया।
आपको बता दें की आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग में सरकाघाट (मंडी) के रहने वाले सुशील (47) के दिल की मुख्य नस बंद थी। डॉक्टरों ने बुधवार को मरीज का ऑपरेशन करने की तैयारी की।ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाली ओसीटी मशीन को चंडीगढ़ से मंगवाया था। जोकि अस्पताल में सोमवार को पहुंच गई थी। जानकारी है कि मरीज के ऑपरेशन के दौरान क्लॉट बढ़ रहे थे जिसके कारण दोपहर के करीब साढ़े बारह से एक बजे के बीच मरीज की मौत हो गई।
मृतक के बेटे संजीव राणा ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही से उनके पिता की मौत हुई है। मामला बढ़ने के बाद डॉक्टर ने माफी मांगी, लेकिन परिजनों ने कहा कि दोबारा ऐसा किसी के साथ न हो इसके लिए सरकार मामले पर सख्त गहनता से जांच करे।
वहीं, डॉक्टर जनक राज, एमएस, आईजीएमसी ने बताया कि शिकायत आने पर जांच कमेटी बैठाई जाएगी तथा जांच पूरी होने के बाद ही नियमानुसार कार्रवाई होगी। हालांकि, परिजनों की ओर से मौखिक तौर पर इलाज को लेकर नहीं, बल्कि दुर्व्यवहार को लेकर शिकायत की है। इसके लिए अस्पताल में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। डॉक्टरों और स्टाफ कर्मियों को इस गलती के लिए अवगत करा कर आगे से ऐसा न होने की चेतावनी दी जाएगी।