राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की पदयात्रा बुधवार को बिलासपुर पहुंची

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आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
30 दिसंबर: किसान आंदोलन के समर्थन में और पंचायतों को सशक्त बनाने को लेकर प्रदेश कांग्रेस राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की 12 दिन तक चलने वाली पदयात्रा शिमला से धर्मशाला को जाते वक्त बुधवार को बिलासपुर पहुंची।
इस दौरान राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन के प्रदेशाध्यक्ष दीपक राठौर ने कहा कि शिमला से 28 दिसंबर को पदयात्रा शुरू हुई है। इस यात्रा का आखिरी पड़ाव धर्मशाला में होगा। बिलासपुर में इस यात्रा का स्वागत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के विधायक पूर्व मंत्री रामलाल नेे कियाा। उनके साथ पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा तथा जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव संदीप सांख्यान भी थेे। रामलाल ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि पंचायती राज संगठन द्वारा की जा रही
यह यात्रा एक जागरूकता लाने के लिए है और केंद्र सरकार के बंद कानों को खोलने के लिए यह यात्रा महत्वपूर्ण है ।
उन्होंने राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की इस पहल का स्वागत किया और इसे पूरा समर्थन देने की घोषणा भी की। अपने संबोधन में दीपक राठौर ने कहा कि कि इस पद यात्रा के दौरान पंचायती राज संगठन के पदाधिकारी लोगों को केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों से होने वाले नुक्सान को लेकर अवगत करवा रहे है तो वहीं पंचायतों को किस तरह से सुदृढ़ किया जाए इसको लेकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 28 दिसंबर को शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से यह पदयात्रा शुरू हुई है। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक राठौर ने कहा कि किसान कृषि बिल के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले कई दिनों से आंदोलनरत है लेकिन केंद्र की मोदी सरकार किसानों की मांगों को नहीं मान रही है।
केंद्र सरकार ने कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए तीन कानून लाए हैं जिसके खिलाफ देश भर में किसान विरोध कर रहे हैं। किसानों के समर्थन और पंचायती राज को सुदृढ़ करने के लिए संगठन द्वारा पदयात्रा शुरू की जा रही है। राठौर ने कहा कि 12 दिन तक चलने वाली इस पदयात्रा के दौरान नुक्कड़ सभाएं तथा पत्रक बांटकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य पंचायतों को मजबूत करना तथा किसानों व बागबानों के आंदोलन को समर्थन करना है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो तीन बिल लाए गए है वह किसान विरोधी है तथा संगठन इनका विरोध करता है।

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