गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे जनजातीय लोगों के विकास के लिए होगा 2.23 फीसदी राशि का प्रावधान

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आवाज़ ए हिमाचल

03 अगस्त।हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार जनजातीय क्षेत्रों को ट्राइबल एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत मिल रहे बजट में कटौती नहीं करेगी। बल्कि गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे जनजातीय लोगों के विकास के लिए अगले साल के बजट में 2.23 फीसदी का अलग से प्रावधान करेगी। यह बात शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मंगलवार को विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक बिक्रम सिंह जरयाल द्वारा नियम 130 के तहत लाए गए प्रस्ताव के जवाब में कही। जरयाल ने इस प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से मांग की थी कि ट्राइबल सब प्लान के तहत हर साल जारी होने वाले बजट में से दो फीसदी हिस्सा प्रदेश के गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रही जनजातीय आबादी पर खर्च करने के लिए जारी किया जाए।
भारद्वाज ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में आबादी में हो रही वृद्धि के चलते जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत आवंटित 9 फीसदी राशि का दो फीसदी हिस्सा गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आवंटित नहीं किया जा सकता। प्रदेश सरकार वित्त विभाग से 2021-22 में जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के लिए आवंटित होने वाले कुल बजट के 9 फीसदी हिस्से को बढ़ाकर 11.23 फीसदी करने का प्रयास करेगी। ऐसे में मौजूदा 9 फीसदी बजट के अतिरिक्त मिलने वाली 2.23 फीसदी राशि को गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे जनजातीय लोगों के विकास पर उनकी आवश्यकता के अनुसार विभिन्न योजनाओं पर खर्च किया जा सकेगा।इससे पहले जरयाल ने कहा था कि ट्राइबल सब प्लान के लिए स्वीकृत बजट में से दो फीसदी बजट प्रदेश के गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे जनजातीय लोगों के विकास पर खर्च करने की सरकार से मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुल्लू, कांगड़ा सहित कई अन्य जिलों में जनजातीय लोग रह रहे हैं लेकिन उन्हें यहां जनजातियों वाले लाभ नहीं मिल रहे और ये विकास में पिछड़ गए। विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों के विकास के लिए अतिरिक्त पैसे के प्रावधान की मांग की। आशा कुमारी, विशाल नैरहिया, राकेश सिंघा, जिया लाल और सुंदर ठाकुर ने भी इस प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने चर्चा में दखल देते हुए गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे जनजातीय लोगों के विकास के लिए बजट में अलग से प्रावधान करने की मांग की। प्रस्ताव के अनुसार 9 फीसदी के वर्तमान बजट में कटौती की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि ट्राइबल सब प्लान के बजट से किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनजातीय जिले किन्नौर से चुनकर आने वाले विधायक जगत सिंह नेगी ने भी कटौती पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि सरकार अगर गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों के लिए करना ही चाहती है तो अलग बजट का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि ट्राइबल सब प्लान के पैसे को अन्य जगह डायवर्ट करना जनजातीय लोगों की रोटी छीनने के बराबर होगा।

 

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