कुठेड़ा में आमरण अनशन पर बैठे युवाओं को पुलिस ने रात के अढ़ाई बजे जबरन उठाने का किया प्रयास

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आवाज़-ए-हिमाचल

          …………..विनोद चड्ढा,बिलासपुर
26 अक्टूबर : विकास खंड घुमारवीं की कुठेड़ा ग्राम पंचायत के विभाजन/पुर्नगठन की मांग के लिए अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे युवाओं को पुलिस ने जबरन उठाने का प्रयास किया।घुमारवीं पुलिस थाना के एसएचओ ने रात करीब अढ़ाई बजे आमरण अनशन स्थल पर पहुंच कर अनशनकारियों को जबरन हटाने का प्रयास किया।इस पूरे प्रकरण की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरे गांव में रोष है तथा ग्रामीण धरने पर बैठ गए।इस दौरान सदर के पूर्व विधायक बम्बर ठाकुर व जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने भी अनशन स्थल पर पहुंच कर लोगों की इस मांग का समर्थन करते हुए पुलिस कार्रवाई की निंदा की और पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई।यहां बता दे कि विकास खंड घुमारवीं की कुठेड़ा ग्राम पंचायत के विभाजन/पुर्नगठन की मांग के लिए युवा समाजसेवी आशीष मेहता, गौरव मेहता, साहिल मेहता व विनय कुमार अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे है तथा उन्हें अनशन पर बैठे 96 घंटे हो चुके हैं। रविवार  रात करीब 2:30 बजे घुमारवी थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने अनशन स्थल पर पहुंच जबरन उठाने का प्रयास किया। जैसे ही सोशल मीडिया पर इस कि वीडियो वायरल हुआ तो मसौर के समस्त जनता ने अनशन पर बैठ कर सरकार और प्रसासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।आमरण अनशन का समर्थन करने भीष्म सिंह, सुखदेव सिंह, जयमल, मदन सिंह, नरोत्तम सिंह, निक्का राम, कैप्टन सुभाष शर्मा, संदीप संख्यान, ग्राम पंचायत कुठेड़ा के पूर्व प्रधान सुरम सिंह व अशोक कुमार, परनाल पंचायत की प्रधान कांता देवी व लददा पंचायत की प्रधान अंजना धीमान ने भी अनशन पर पहुंचकर इस पंचायत के विभाजन/पुर्नगठन की मांग को उचित ठहराते हुए इसे जल्द से जल्द पूरा करने का सरकार से आग्रह किया। कुठेड़ा पंचयात के पूर्व प्रधान सुरम सिंह व अशोक कुमार ने बताया कि विकासात्मक कार्यो में बड़ी पंचायतों में बड़ी समस्या आती है ऐसे में अगर इस पंचायत का विभाजन किया जाए तो विकासात्मक कार्यों में जहाँ तेजी आएगी वहीं पर इन के लोगों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित नहीं होना पड़ेगा। हैरानी की बात यह है कि उनके कार्यकाल में जब वर्ष 2008 और 2014 में इस पंचायत के पुनर्गठन को लेकर प्रस्ताव भी पारित किया गया तो इसका क्या कारण रहा जो इस पंचायत का पुर्नगठन नहीं किया जा सका।

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