CM ने दिए अस्पतालों में आवश्यकतानुसार चतुर्थ श्रेणी, नर्सें, मेल हेल्थ वर्कर व सहयोगी रखने के निर्देश

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आवाज़ ए हिमाचल

03 मई।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड नियमों के पालन को लेकर लोग गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय में और सख्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में निजी बस ऑपरेटरों को भी मानवता दिखानी चाहिए। इस मुश्किल दौर में साथ देना चाहिए। सरकार उनसे वार्ता करने का प्रयास करेगी। चंबा दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने सोमवार को पत्रकारों से ये बातें कहीं।
चंबा दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी माह में प्रदेश में मात्र 200 एक्टिव केस शेष बचे। ऐसा लग रहा था कि एक सप्ताह के भीतर प्रदेश कोरोना मुक्त हो जाएगा। इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर ने अपना तांडव दिखाना शुरू किया। महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों से होते हुए वायरस हिमाचल पहुंचा। पिछले साल पीक सीजन में भी एक्टिव केस डेढ़ माह में दस हजार थे, लेकिन दूसरी लहर के दौरान डेढ़ माह में ही बीस हजार एक्टिव केस का आंकड़ा पार हो गया है। ऐसे में जरूरी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा।
प्रदेश में मास्क, वेंटिलेटर, दवाओं और ऑक्सीजन की स्टॉक बढ़ाया जा रहा है। ये संक्रमण पहले की अपेक्षा काफी खतरनाक है। इससे मृत्यु दर भी बहुत अधिक है। लिहाजा, सावधानियों का पालन कर ही इस महामारी से बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की नहीं, सिलिंडरों की कमी सामने आ रही है। इसके लिए केंद्र सरकार से पांच हजार खाली सिलिंडर मांगे हैं। इसके अलावा वैश्विक महामारी के दौरान प्रदेश भर के अस्पतालों में आवश्यकतानुसार आउटसोर्स पर चतुर्थ श्रेणी, नर्सें, मेल हेल्थ वर्कर और सहयोगी रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।

इससे पूर्व,मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चंबा जिला के बचत भवन में अधिकारियों के साथ जिले में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार चंबा जिला की आवश्यकता और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला के कोविड रोगियों को बेहतर उपचार सुविधा प्रदान करने के लिए उत्कृष्ट चिकित्सा अधोसंरचना सुनिश्चित करेगी। वर्तमान में जिले में कुल 713 सक्रिय कोविड रोगियों में से केवल 68 रोगी अस्पताल में भर्ती हैं और अन्य होम आईसोलेशन में रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन को किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए जिले में बिस्तरों की क्षमता को 200 तक बढ़ाने को कहा है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल रोगियों को समयबद्ध उपचार उपलब्ध होगा बल्कि उन्हें उपचार के लिए अन्य जिलों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

 

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