आवाज़ ए हिमाचल
05 मई।शिमला के पांच दिवसीय दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को परिवार सहित शिमला कैचमेंट एरिया का दौरा किया। उन्होंने करीब 150 साल पहले अंग्रेजी शासनकाल के दौरान बनाई गई शिमला की पहली परियोजना देखी। सुबह करीब 11:30 बजे राष्ट्रपति का काफिला सबसे पहले हसन वैली व्यू प्वाइंट पर पहुंचा। यहां वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने राष्ट्रपति को इस अभयारण्य को लेकर जानकारी ली।वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने इस क्षेत्र में पाई जाने वाली वन प्रजातियों से भी अवगत करवाया। इसके बाद राष्ट्रपति वाया ढली होते हुए कैचमेंट एरिया के लिए रवाना हुईं। सियोग रेस्ट हाउस के पास गाड़ी से उतरने के बाद राष्ट्रपति ने परिवार सहित पैदल चलकर यहां की हरी-भरी वादियां निहारीं। कच्चे रास्ते और सीढ़ियों से करीब 250 मीटर पैदल चलने के बाद राष्ट्रपति सियोग पेयजल योजना के टैंक के पास पहुंचीं। ढलानदार और कच्चे रास्ते पर राष्ट्रपति के पैदल चलने की तेज रफ्तार देखकर मौके पर मौजूद अधिकारी भी हैरान रह गए।टैंक के पास मौजूद पेयजल कंपनी के प्रबंध निदेशक वीरेंद्र सिंह ठाकुर, महाप्रबंधक राजेश कश्यप और एजीएम पीपी शर्मा ने राष्ट्रपति को बुकलेट देकर इस योजना के इतिहास की जानकारी दी। करीब 150 साल पहले अंग्रेजी शासनकाल के दौरान तैयार किए गए इस योजना के टैंक को दिखाते हुए अधिकारियों ने बताया कि यहां 19 चश्मों का पानी इकट्ठा किया जाता था। यह क्षेत्र हरी-भरी वादियों में है, जिससे यहां का पानी सबसे शुद्ध माना जाता है। कंपनी ने इस परियोजना को पुनर्जीवित करने के लिए किए जा रहे कामों की जानकारी भी राष्ट्रपति को दी।इस क्षेत्र में साल 1901 में अंग्रेजों का बनाया कार्ड रूम भी है। बताया जाता है कि यहां पर अंग्रेज कार्ड खेलते थे। राष्ट्रपति ने इसका भी जायजा लिया। वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने इसके इतिहास के बारे में बताया। कहा कि अब पर्यटन की दृष्टि से ही इसका इस्तेमाल हो रहा है। यहां रखा दशकों पुराना फर्नीचर, कुर्सी, टेबल आदि भी दिखाए। राष्ट्रपति विभाग के रेस्ट हाउस भी गईं। यहां करीब आधा घंटे तक रुकीं। इस क्षेत्र में पाए जाने वाले जंगली जानवरों और वन प्रजातियों की जानकारी को लेकर राष्ट्रपति काफी उत्सुक दिखीं। विभाग के अनुसार रेस्ट हाउस में राष्ट्रपति के लिए चाय-पान की व्यवस्था की गई थी। करीब 1:00 राष्ट्रपति का काफिला वापस रवाना हुआ।