आवाज ए हिमाचल
22 जनवरी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) किसानों के बीच बेहद लोकप्रिय स्कीम है। इस योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी। इस स्कीम का लक्ष्य सभी जोत वाले किसानों को अतिरिक्त आय उपलब्ध कराना है। इस स्कीम के तहत सरकार लाभार्थी किसानों को हर वित्त वर्ष में 6,000 रुपए की नकद सहायता उपलब्ध कराती है। ऐसे में सरकार हर चार माह पर लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में 2,000 रुपए की रकम सीधे ट्रांसफर करती है। हालांकि, सरकार द्वारा तय की गई कुछ शर्तों की वजह से कुछ किसान परिवार इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं। हालांकि, अब जोत भूमि के आकार की सीमा समाप्त हो गई है।
पीएम किसान योजना की जब शुरुआत हुई थी, तो इसका लाभ केवल ऐसे किसानों को मिल सकता था, जिनके पास कुल दो हेक्टेयर तक की कृषि योग्य जमीन हो। इसका मतलब है कि यह स्कीम छोटे एवं सीमांत किसान परिवारों तक सीमित थी। हालांकि, जून 2019 में इस स्कीम से जुड़ी शर्तों में संशोधन किया गया है और कृषि योग्य भूमि के आकार से जुड़ी बाध्यता खत्म कर दी गई। इसका मतलब है कि अगर आपके पास ज्यादा जमीन है, तो भी आपको इस योजना का लाभ मिलेगा।
संस्थागत किसान इस स्कीम का लाभ नहीं उठा सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति किसी संवैधानिक पद पर आसीन है या रह चुका है और खेती-किसानी करता है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। राज्य या केंद्र सरकार या पब्लिक सेक्टर कंपनी या सरकारी स्वायत्त संगठनों के सेवारत या सेवानिवृत्त कर्मचारी (मल्टी टास्किंग या ग्रुप डी या चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को छोड़कर) 10,000 रुपए से ज्यादा की मासिक पेंशन प्राप्त करने वाले लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता है।हालांकि यह नियम भी मल्टी टास्किंग, ग्रुप डी या चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों पर लागू नहीं होता है। पिछले असेसमेंट वर्ष में आयकर भरने वाले लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं। डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंट और प्रोफेशनल संगठनों के साथ रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट्स PM Kisan योजना के तहत लाभ उठाने के पात्र नहीं हैं।