सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू बोले,विधायकों ने अपना ईमान बेच कर की क्रॉस वोटिंग

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल

27 फ़रवरी।हिमाचल में राज्यसभा की एक सीट के लिए मंगलवार को घोषित चुनाव नतीजों के बाद सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जब किसी ने अपना ईमान ही बेच दिया तो नौ लोगों ने क्रॉस वोटिंग की,उनमें से तीन निर्दलीय विधायक थे,लेकिन छह अन्य ने अपना ईमान बेच दिया और अभिषेक सिंघवी खिलाफ मतदान किया। उन्होंने अपना वोट बदला। कहा कि नौ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की।इनमें से छह कांग्रेस के विधायक थे।भाजपा को वोट देकर इन्होंने अपना इमान बेचा है। हिमाचल की संस्कृति में ऐसा कभी नहीं हुआ। हिमाचल की जनता इस संस्कृति की आदी नहीं है। भाजपा की ओर से उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जब विधानसभा सत्र चलेगा तो हम देखेंगे, जो लोग गए हैं उनके परिवार के लोग उनसे पूछ रहे हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया?
कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि विचाराधारा रातोंरात नहीं बदलती। ऐसे बदलाव दुभार्ग्यपूर्ण हैं। मंगलवार देर शाम को विधानसभा परिसर में प्रेस वार्ता में कहा कि इस घटनाक्रम के बाद भविष्य के बारे में सोचना होगा। हिमाचल की संस्कृति के लिए इस तरह के बदलाव अच्छे संकेत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण से मुझे मनोवैज्ञानिक तौर पर भी शिक्षा मिली है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पार्टी प्रत्याशी बनाने के लिए वह कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद करते हैं। उन लोगों का भी धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने भी उन्हें आज यह शिक्षा दी है। उन्होंने कहा कि सोमवार रात को 11 बजे तक कांग्रेस के सभी विधायक साथ थे। विधायकों ने कांग्रेस नेता होने के नाते डिनर किया, फोटो ली। क्राॅस वोटिंग करने वाले तीन विधायकों ने तो मंगलवार सुबह साथ में नाश्ता भी किया।सिंघवी ने कहा कि 25 विधायकों की संख्या वाली पार्टी जब 40 के खिलाफ प्रत्याशी खड़ा करती है तो संदेश यह होता है कि हम बेशर्मी से वो भी करेंगे, कानून जिसकी इजाजत नहीं देता। यह बदलाव पूरे भारत और हिमाचल के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। हिमाचल की संस्कृति इसकी इजाजत नहीं देगी। हमने हारते हारते भी इतिहास बनाया। भारत में पहली बार 34-34 का स्वभाविक आंकड़ा आया। एक भी वोट अवैध नहीं आया। ड्रा ऑफ लाट्स से निर्णय हुआ। उन्होंने कहा कि नाराजगी का मतलब यह नहीं होता कि नमक हलाली की जगह नमक हरामी की जाए। सिंघवी ने कहा कि यह बदलाव हिमाचल प्रदेश के लोग इस संस्कृति से अवगत नहीं थे। यह पहली बार हुआ है। हमारे मित्रों का इतना प्रयास करने के बाद भी आंकड़ा 34-34 का रहा। दूसरा विकल्प किसी ने भी नहीं दिया। उन्होंने कहा कि क्राॅस वोटिंग करने वाले नौ विधायकों में से कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने उन्हें नामांकन दाखिल करने के समय प्रस्तावित किया है।
सिंघवी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला कांग्रेस से ही था। जिन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। कई प्रकार के लाभ लिए। सोमवार रात तक हमारे साथ रहे। अब भाजपा के हो गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *