आवाज ए हिमाचल
शिमला। एनएचएआई ने 50 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस के हत्थे चढ़े रेजिडेंट इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी है। साथ ही हिमाचल में फोरलेन के निर्माण में जुटी फर्मों को सख्त निर्देश जारी किए है। भविष्य में इस तरह का कोई मामला पाया जाता है, तो कंसल्टेंसी फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। एनएचएआई ने प्रदेश में कार्यरत भी 27 कंसल्टेंसी फर्मों के प्रबंध निदेशकों को सख्त निर्देश जारी किए है। गौरतलब है कि कीरतपुर-मनाली फोरलेन में जयपुर की कंसल्टेंसी फर्म मैसर्स थीम इंजीनियरिंग कंपनी के रेजिडेंट इंजीनियर के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया है। इंजीनियर फोरलेन से रास्ता देने के एवज में 50 हजार रुपए की मांग कर रहा था। इसकी शिकायत पीडि़त पक्ष ने विजिलेंस को कर दी। विजिलेंस ने मौके पर पहुंच कर इंजीनियर को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में जयपुर की कंसल्टेंसी फर्म मैसर्स थीम इंजीनियरिंग कंपनी ने गुरुवार को रेजिडेंट इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है।
क्षेत्रीय अधिकारी ने कहा कि इस घटना के बाद हिमाचल प्रदेश ने राजमार्गों और सुरंगों की एनएचएआई परियोजनाओं पर काम करने वाली 27 कंसल्टेंसी फर्मों के प्रबंध निदेशकों को सख्त निर्देश जारी किए है। उन्होंने फर्मों को जारी पत्र में कंसल्टेंट्स को एनएचएआई के साथ उनके हस्ताक्षरित इंटीग्रिटी पैक्ट के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिए है। यह भी निर्देश दिया है कि वे अपने कर्मचारियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें। इस घटना ने सार्वजनिक क्षेत्र में एनएचएआई की छवि खराब हुई है। एनएचएआई ने कंसल्टेंट्स को चेतावनी दी है कि कर्मचारियों को ब्लैकलिस्ट करने के अलावा, कंसल्टेंसी फर्मों को भी एनएचएआई से ब्लैकलिस्ट या डिबार कर दिया जाएगा अगर इस तरह की कोई भी घटना संज्ञान में आती है।