आवाज़ ए हिमाचल
विनोद चड्ढा, बिलासपुर
16 जनवरी।10 से 15 वर्ष तक का बाल्यकाल एवं किशोर अवस्था के बीच की अवधि लड़कियों के लिए विशेष तौर पर बेहद नाजुक होती है। उनका संपूर्ण शारीरिक मानसिक विकास इस अवधि पर ही निर्भर करता है। परंतु समाज में विभिन्न परिस्थितियों में रहते हुए सभी के लिए संपूर्ण विकास संभव नहीं होता या जानकारी के अभाव में उम्र के इस पड़ाव को कई वर्ग नजरअंदाज कर देते हैं। यह बात शालिनी शर्मा महिला एवं बाल विकास प्रमुख भारत विकास परिषद महिला एवं बाल विकास प्रकल्प बिलासपुर शाखा ने कही। उन्होंने कहा कि 10 से 15 वर्ष तक की बालिकाओं को इस अवधि का महत्व बताने तथा शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए क्या प्रयास किए जाने चाहिए इसके लिए राष्ट्रीय बालिका सप्ताह के रूप में महिला एवं बाल विकास प्रकल्प द्वारा संपूर्ण राष्ट्र में 17 जनवरी से बालिकाओं के लिए कार्यक्रम किए जा रहे हैं। जिनका विषय बेटी है तो सृष्टि है। संपूर्ण भारतवर्ष में 17 जनवरी से 21 जनवरी तक के कार्यक्रमों की वीडियो फोटो 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के दिन ऑनलाइन लाइव कार्यक्रम में संपूर्ण भारतवर्ष में दिखाई जाएगी। सभी क्षेत्रों से चयनित एक बेस्ट स्किट, नृत्य नाटिका और भाषण को भी प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार रहेगी। 17 जनवरी को हिमोग्लोबिन टेस्ट होगा तथा भार और ऊंचाई भी मापी जाएगी। 18 जनवरी को स्टेशनरी गुड़ चना का वितरण एवं लोहे की कढ़ाई भेंट दी जाएगी। 19 जनवरी को स्किट, भाषण व समूह नृत्य आयोजित होंगे। 20 जनवरी को गर्म वस्त्रों का वितरण किया जाएगा। 21 जनवरी को संस्कारशाला लगाई जाएगी। इसके बाद 24 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन प्रसारण होगा। शालिनी ने बताया कि मुख्य अभियान जिस बारे में जागरूक करना है वह एनीमिया मुक्त भारत है। इसी संदर्भ में लोहे की कढ़ाई का वितरण का वितरण किया जा रहा है। इसके लाभ के बारे में भी जागरूक किया जाएगा ताकि अभिभावक लोहे की कढ़ाई से होने वाले फायदों से अवगत हों।