आवाज ए हिमाचल
16 जनवरी । रिपन अस्पताल शिमला में कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए बनाए गए केंद्र की पहले ही दिन पोल खुल गई। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पहले दिन 100 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए सूची में शामिल किया गया था। इसके लिए बाकायदा लोगों को फोन पर मैसेज भेजे गए। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें मैसेज तो भेजे गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद खाली लौटा दिया गया। आयुर्वेदिक विभाग के मुख्य फार्मासिस्ट को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए मैसेज भेजा गया था। अस्पताल पहुंचने पर अस्पताल प्रशासन को दी गई लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं किया गया था। इस कारण उन्हें बेरंग ही लौटना पड़ा।इतना ही नहीं 10 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए फोन कर बुलाया गया था। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रिपन अस्पताल में 10 बजे पहुंच गई। एक बजे यह कहकर लौटा दिया गया कि आपको मैसेज नहीं आया है। आपको वैक्सीन नहीं लगेगी। ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। एक निजी क्लीनिक के डाक्टर को भी मैसेज मिलने के बाद भी वैक्सीन नहीं लग पाई। अस्पताल की लिस्ट से उनका नाम नहीं मिल पाया। ऐसे में उन्हें भी लौटा दिया गया।
जिन्हें वैक्सीन लगी उन्होंने जताई खुशी
रिपन अस्पताल में जिन लोगों को वैक्सीन लगाई गई उन लोगों ने खुशी जताई। इस अवसर पर लोगों को संदेश देते हुए स्वासथ्य अधिकारियों ने वैक्सीन लगने के बाद इसे पूरी तरह सुरक्षित बताया और कहा कि इसमें डरने जैसी कोई बात नहीं है। यह पूरी तरह सुरक्षित है।
यह बरती गई सावधानियां
कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए रिपन अस्पताल में बनाए गए केंद्र में सबसे पहले अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक रमेश चौहान ने वैक्सीन लगाई। महिलाओं में डाॅक्टर मनीषा को वैक्सीन लगाई। रिपन अस्पताल के फार्मासिस्ट ओम प्रकाश ठाकुर ने वैक्सीन लगाई। पहले केंद्र के बाहर सभी की आईडी मैच की गई। इसके बाद थर्मल स्कैनिंग कर वैक्सीन लगाने वालों को वैक्सीनेशन कक्ष में भेजा गया। डाक्टरों द्वारा पूरी वैरिफिकेशन करने के बाद वैक्सीन लगाई गई। इसके बाद सभी को आधा घंटा निगरानी कक्ष में रखा गया। इसके बाद पूरी एहतियात बरतने की हिदायत देकर मरीज को घर भेजा गया।