आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। जिला उपभोक्ता आयोग के जिला अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद और नारायण ठाकुर की अदालत ने एक बीमा कंपनी को व्यावसायिक भवन का बीमा होने और अग्निकांड़ में हुए नुकसान का क्लेम न देने पर 3,74,643 रुपये नौ प्रतिशत ब्याज समेत ग्राहक को देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा 50 हजार रुपये मुआवजा और 15 हजार रुपये न्यायालयी शुल्क भी देना होगा।
जानकारी के अनुसार उपभोक्ता आयोग में चामुंड़ा स्पीडवे आटो एक्सेसरीज के संचालक अदिति मेहता निवासी मलां नगरोटा बगवां ने शिकायत दर्ज करवाई थी। अपनी शिकायत में अदिति ने बताया था कि उन्होंने अपने व्यवसाय को चलाने के लिए हंसराज से किराये पर दो मंजिला भवन लिया था। इस भवन में पांच दुकानें हैं। किराये की सारी औपचारिकताएं और लेन-देन 30 मई, 2017 को हो गया था। इस भवन का उन्होंने ओरिएंट इंश्योरेंस कंपनी से बीमा करवाया था। इंश्योरेंस में भवन का सारे सामान के साथ-साथ बिजली की फिटिंग भी कवर थी। 28 अगस्त, 2018 को उनके भवन में किन्हीं कारणों से आग लग गई, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ। इसकी सूचना उन्होंने बीमा कंपनी को दी और आकलन करवाने के लिए आवेदन किया। बीमा कंपनी की ओर से भेजे गए विशेषज्ञ ने 25,33,402 रुपये की नुकसान की रिपोर्ट बनाई। रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने क्लेम के लिए आवेदन किया।
जिस पर बीमा कंपनी की ओर उन्हें सात लाख 28 हजार और 11 लाख 52 हजार रुपये की दो किश्तों में कुल 18 लाख 52 हजार रुपये भुगतान किया लेकिन बीमा कंपनी की ओर से शेष राशि नहीं दी गई। कंपनी के रवैये को देखते हुए उन्होंने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत की। यहां आयोग ने दोनों पक्षों के तथ्यों को देखते हुए बीमा कंपनी को निर्देश दिए कि कंपनी को 3,74,643 रुपए नौ प्रतिशत ब्याज समेत ग्राहक को देने होंगे। इसके अलावा 50 हजार रुपये मुआवजा और 15 हजार रुपये न्यायालयी शुल्क देने के भी आदेश दिए हैं।