आवाज़ ए हिमाचल
इम्फाल। मणिपुर में दो महीने से ज्यादा वक्त से जारी हिंसा के दौर के बीच दो महिलाओं की निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया है। इस घटना पर पूरे देश में गुस्सा है और लोग कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसी बीच मणिपुर के 10 विधायकों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इन विधायकों ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि पांच और महिलाओं के साथ ऐसी घटनाएं हुई हैं। इनमें से तीन महिलाएं ऐसी हैं, जिनके साथ अलग-अलग समय में रेप का भी दावा किया गया है। ये घटनाएं बीते अढ़ाई महीने से जारी हिंसा के दौरान हुई हैं। ये सभी दस विधायक कुकी समुदाय से हैं और इनमें से सात तो भारतीय जनता पार्टी के हैं। इन विधायकों ने हिंसा रोकने में नाकामी के लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दोषी ठहराया है। विधायकों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इन मामलों की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। उधर, मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वीडियो के दो दिन बाद स्थानीय महिलाओं ने वायरल वीडियो में देखे गए कथित आरोपियों में से एक ह्यूरिम हेरादास सिंह के घर को जला दिया। मणिपुर में भीड़ की दरिंदगी का शिकार हुई एक महिला के पति कारगिल युद्ध में लड़ चुके हैं और रिटायर्ड सूबेदार हैं। उन्होंने बताया है कि उनके इलाके में हालात बेहद खतरनाक और डराने वाले हैं।
65 वर्षीय रिटायर्ड सैनिक और हैवानियत का शिकार हुई पत्नी बताती हैं कि उनका सब कुछ तबाह हो चुका है। पीडि़ता ने कहा कि हम दो महिलाओं को बंदूक की नोक पर हजारों लोगों के सामने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया। अगर हमने कपड़े नहीं उतारे, तो उन्होंने हमें जान से मारने की धमकी दी। वे सभी जगंली जानवरों की तरह बर्ताव कर रहे थे। पूर्व सैनिक ने कहा कि घटना के बाद उनकी पत्नी डिप्रेशन में चली गई थी, लेकिन हमारे बच्चों की चिंता करनी थी, इसलिए वह सामान्य होने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मैंने कारगिल में लडक़र सामने से जंग देखी है। और जब मैं घर वापस आया, तो मेरी खुद की जगह युद्धक्षेत्र से ज्यादा खतरनाक है।