आवाज़ ए हिमाचल
भरमौर। जनजातीय क्षेत्र भरमौर में शुक्रवार दोपहर बाद अंबर ने ओलावृष्टि का कहर बरपाया है और सेब की बीस फीसदी फसल को अपनी जद में ले लिया है। इसके चलते क्षेत्र के बागबानों की चिंताएं और भी बढ़ गई हैं। करीब पांच मिनट तक हुई ओलावृष्टि से सेब के दाने दागदार होने के साथ-साथ पत्तों को भी नुकसान होने का दावा उद्यान विभाग ने किया है। इसको मद्देनजर रखते हुए ओलावृष्टि की जद में आई फसल पर दवाइयों का छिडक़ाव करने की सलाह विभाग ने दी है। शुक्रवार दोपहर बाद जनजातीय क्षेत्र भरमौर में अचानक मौसम बिगड़ गया और जोरदार गर्जना के कुछ समय बाद ओलावृष्टि आरंभ हो गई, जिसने सेब की फसल को अपनी जद में ले लिया। बागबानी विभाग की मानें, तो क्षेत्र के उलांसा और खणी एरिया में सेब के बागीचे ओलावृष्टि से अधिक प्रभावित होने की सूचना मिली है। नुकसान का सही आकलन फील्ड से रिपोर्ट आने के बाद ही किया जा सकेगा। फिल्टर आरंभिक तौर पर बीस फीसदी सेब की फसल ओलावृष्टि से प्रभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। क्षेत्र के बागबानों की मानें, तो शुरुआती दौर में क्षेत्र में सेब की बंपर फसल होने की उम्मीदें लगाई जा रही थीं, लेकिन मौसम के उतार-चढ़ाव ने बागबानों की उम्मीदों को छोड़ कर रख दिया।
उनका कहना है कि मौजूदा समय में क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बेहतर फसल की पूरी उम्मीद बाकी थी, लेकिन ओलावृष्टि ने इस पर भी पानी फेर दिया है। उधर, उद्यान विभाग के भरमौर स्थित उद्यान विकास अधिकारी डा. मनोहर का कहना है कि शुक्रवार दोपहर बाद तीन से चार मिनट तक ओलावृष्टि हुई है। उलांसा और खणी एरिया में सेब के बगीचों पर इसका अधिक असर रहा है। आरंभिक तौर पर बीस फीसदी सेब की फसल ओलावृष्टि की चपेट में आने का अनुमान है। बागबान ओलावृष्टि के तुरंत बाद 100 ग्राम या फिर 200 लीटर पानी में 600 ग्राम मेनकोजेब दवाई की स्प्रे करें।