आवाज ए हिमाचल
शांति गौतम, बद्दी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नालागढ़ की किशनपुरा जेल को शुरू करने के लिए उचित स्टाफ की व्यवस्था न करने पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने अतिरिक्त सचिव वित्त को सचिव गृह, हिमुडा के सीइओ, एसडीएम नालागढ़ और जेल प्रशासन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को बैठक करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने अधिकारियों से किशनपुरा जेल में स्टाफ की व्यवस्था किए जाने की रिपोर्ट तलब की है। मामले की सुनवाई 18 मई को निर्धारित की गई है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने सरकार को याद दिलाया कि जेलों में कैदियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए नालागढ़ के किशनपुरा में जेल का निर्माण करवाया गया है। बता दें कि देश भर में 1382 जेलों की दुर्दशा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान पाया था कि देश में 1382 ऐसी जेलें हैं, जिनकी हालत खराब है। इन्हें मानव ठहराव के लिए उचित नहीं माना गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी मुख्य न्यायाधीशों को निर्देश दिए थे कि वे इस बारे में संज्ञान लें और सुप्रीम कोर्ट को अवगत करवाएं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में हाईकोर्ट ने किशनपुरा में जेल की सीवरेज व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए थे। सेंट्रल जेल कंडा में एक महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती करने के आदेश भी पारित किए थे। कैदियों के निर्मित उत्पादों की बिक्री पर कर में छूट देने के लिए सरकार को विचार करने के भी आदेश दिए थे।