आवाज़ ए हिमचाल
शिमला। हिमाचल में अनुबंध की नौकरी का वेतन अब फिक्स नहीं होगा। कैबिनेट की पिछली बैठक में इस फार्मूले को बदल दिया गया है। अब कांट्रैक्ट की सेवा का वेतन कैटेगरी वाइज अलग अलग तय होगा। यानी जिन कैटेगरी में उपलब्ध मैन पावर कम है और डिमांड ज्यादा है, उनकी सैलरी ज्यादा होगी। जिन कैटेगरी में उपलब्ध मैन पावर ज्यादा है और डिमांड कम, उनकी सैलरी कम होगी। उदाहरण के तौर पर ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट जैसे तकनीकी भर्तियों के विज्ञापन कई बार इसलिए खाली चले जाते हैं, क्योंकि अनुबंध की नौकरी में पैसा कम होने के कारण लोग आना नहीं चाहते, जबकि निजी अस्पताल या संस्थान अच्छा वेतन देते हैं। 13 अप्रैल को हुई कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल ने कांट्रैक्चुअल एमोल्यूमेंट्स के लिए रूल 15-ए में बदलाव किया है। मंत्रिमंडल ने निर्धारित वेतन पर भर्ती के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमावली के नियम-4 एवं नियम 15-ए के अंतर्गत उपयुक्त संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसमें प्रावधान था कि कांट्रैक्ट कर्मचारी को उसके रेगुलर पे-मैट्रिक्स का 60 फीसदी वेतन मिलेगा।
अब इसकी जगह संशोधन किया गया है कि यह वेतन और सेवा की अवधि को राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अलग से अधिसूचित किया जाएगा। इस फैसले के बाद अब अनुबंध सेवा की अवधि को लेकर कार्मिक विभाग में फाइल चली है, जबकि कांट्रैक्ट के वेतन को लेकर वित्त विभाग में काम चल रहा है। इन नियमों में बदलाव पर लोक सेवा आयोग से भी राय ली जाएगी और फिर विधि विभाग से फाइल क्लियर होने के बाद सभी महकमे अपने यहां यह संशोधन करेंगे। इसी प्रक्रिया के कारण लोक सेवा आयोग क्लास-थ्री की भर्तियों के मामले में भर्ती विज्ञापन जारी नहीं कर रहा है। राज्य सरकार नए नियमों से ही भर्तियां करना चाहती है। इसलिए नई भर्ती विज्ञापन में अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि अनुबंध भर्ती प्रक्रिया को लेकर कैबिनेट फैसला ले चुकी है और अब वित्त और कार्मिक विभाग इस बारे में आदेश जारी करेंगे। कई कैटेगरी में सैलरी कम होने के कारण पद नहीं भरे जा रहे। नियमों के संशोधन में इस बात का ध्यान रखा गया है।