आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। कांग्रेस सरकार हमारी है, लेकिन प्रदेश की सता में सरकार कोई भी हो मजदूरों से अन्याय और उनका शोषण किसी भी कीमत पर सहन नहीं होगा। यदि आगामी 15 अप्रैल तक सरकार ने हमारी मांगों पर गौर नहीं किया तो इंटक पूरे प्रदेश में संघर्ष का बिगुल फूंक देंगे। मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक यदि जाना पड़े तो इंटक पीछे नहीं हटेगी।
यह बात घुमारवीं में हिमाचल बिल्डिंग, कंस्ट्रक्शन एंड मनरेगा मजदूर यूनियन की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में विशेष रूप से उपस्थित हुए प्रदेशाध्यक्ष जगत राम शर्मा ने कही। वहीं बैठक में पारित प्रस्तावों की जानकारी देते हुए जिला प्रधान रूप सिंह ठाकुर ने बताया कि बोर्ड में मनरेगा व प्राइवेट क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का पंजीकरण और नवीनीकरण करने के लिए 12 दिसंबर 2022 के पहले की स्थिति यथावत रखी जाए तथा 8 फरवरी 2023 को सचिव श्रम एवं रोजगार विभाग शिमला द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि मनरेगा ओर निजी रिहायशी मकानों में कार्यरत निर्माण मजदूरों के पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए लेबर सैस अनिवार्य नहीं माना जाए।
उन्होंने कहा कि पिछले 14 सालों से श्रमिकों का पंजीकरण हो रहा था जो कि बहुत ही आवश्यक है, लेकिन सरकार गठन के दूसरे दिन ही श्रम कल्याण बोर्ड ने यह प्रक्रिया को बंद कर दिया। लिहाजा इस प्रक्रिया को जारी रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से पैंशन के मामले लंबित है, इनकी अदायगी शीघ्र करवाई जाए। इसके साथ ही पिछले दो सालों से लंबित पड़े मजदूरों के बच्चों की शादी के क्लेेम, शैक्षणिक छात्रवृति सहायता, चिकित्सा आपूर्ति सहायता, प्रसूति सुविधा आदि के क्लेम शीघ्र निपटाए जाएं। इस बैठक में पीडब्यूडी विभाग की तरह 350 रूपए दिहाड़ी, एक साल में कम से कम दो सौ दिन का रोजगार व आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग में समायोजित कर उन्हें नियमित करने के मसलों पर भी चर्चा की गई।
इस बैठक में उपाध्यक्ष सीता राम सैणी, जिला प्रधान रूप सिंह ठाकुर, जगतार सिंह बैंस, रमेश कुमार, चैन सिंह सुमन, रूप सिंह, डीडी कौंडल, जगदीश कुमार, श्याम लाल, पूनम शर्मा, सोनू शर्मा, आशा देवी, शालू, अमिता, अंजू, प्रोमिला आदि मौजूद रहे।