आवाज़ ए हिमाचल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ जेल में बंद पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की आज जेल से रिहाई मिल गई है। उन पर हाथरस कांड के बाद जनता को भड़काने समेत कई आरोप है। बीते बुधवार यानी 1 फरवरी को कप्पन, लखनऊ की एक सत्र अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (Ed) द्वारा दर्ज धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) मामले में सिद्दीकी कप्पन को जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया। कोर्ट ने इस आदेश को स्वीकार कर लिया और उन्हें आज यानी गुरुवार को 2 साल 3 महीने 26 दिन जेल में रहने के बाद जमानत मिल गई है।
बता दें कि 5 अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा से सिद्दिकी कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का कहना था कि कप्पन कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े हैं। वे हाथरस में दंगे फैलाने की साजिश रचने के लिए जा रहे थे. वहीं, कप्पन का कहना था कि हाथरस में युवती के साथ हुए गैंगरेप-मर्डर के बाद घटनास्थल पर मामले को कवर करने जा रहे थे। कप्पन पर आईपीसी की धारा 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 124 ए (देशद्रोह), 120 बी (साजिश), यूएपीए के तहत केस दर्ज कर जेल में बंद कर दिया था। वो लखनऊ जेल में बंद था।
कप्पन को अगले 6 हफ्तों तक दिल्ली में रहना होगा
लखनऊ की जेल से छूटने के बाद कप्पन को अगले 6 हफ्तों तक दिल्ली में रहना होगा, इसके बाद वे केरल जा सकेंगे। इसके अलावा हर सोमवार को उन्हें पुलिस स्टेशन में हाजिरी देना होगा, साथ ही अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा। कप्पन पर गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम, आईटी अधिनियम, भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था। उस वक्त कप्पन कथित रूप से हाथरस में लड़की के साथ गैंगरेप और मर्डर की घटना को कवर करने जा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कप्पन को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत उनके खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई में जमानत के लिए आवेदन करने की भी छूट मिल गई थी।