आवाज़ ए हिमाचल
26 अक्टूबर।कोरोना काल में कुल्लू में मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दूसरे दिन सोमवार को ढोल-नगाड़ों की थाप पर भगवान नरसिंह की भव्य जलेब निकली। जलेब के माध्यम से नरसिंह भगवान ने ढालपुर में रक्षा सूत्र बांधा। शाम करीब पौने चार बजे शाही अंदाज में निकली जलेब में भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार हुए।
कोरोना के नियम न टूटें, इसके लिए जलेब में महाराजा कोठी के आराध्य देवता जमदग्रि ऋषि ही शामिल हुए। हालांकि पहले जलेब में रैला के लक्ष्मी नारायण के भी शामिल होने की संभावना थी। गौर रहे कि दशहरा उत्सव में निकलने वाली जलेब में छह से अधिक देवता शामिल होते थे। लेकिन कोरोना के चलते इस बार ऐसा नहीं हो पाया। जलेब के साथ नजर आने वाली सैकड़ों की भीड़ भी इस बार नदारद आई।
हालांकि, जलेब में सबसे आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी सज-धजकर चली। राजा की चानणी से जलेब का सिलसिला शुरू हुआ। अस्पताल रोड से होते हुए पुराने स्टेट बैंक पार्क, कलाकेंद्र के पीछे से, ढालपुर चौक होकर राजा की चानणी के पास जलेब समाप्त हुई। देवता जमदग्रि ऋषि ने जलेब की शोभा बढ़ाई। देवता का रथ राजा की पालकी के साथ चला।
गौर रहे कि भगवान नरसिंह अपने पूरे क्षेत्र की परिक्रमा कर सुरक्षा की कार बांधते हैं। भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि नरसिंह भगवान की जलेब परंपरानुसार निकाली गई। यह सिलसिला लंका दहन के एक दिन पहले तक चलता रहेगा। दशहरे में निकलने वाले जलेब आकर्षण का केंद्र रहती है।