आवाज़ ए हिमाचल
सोलन। दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद होने का असर अब फाइनांस कंपनियों पर भी पड़ने लगा है। दिसंबर में ही करीब 60 फीसदी ट्रकों की किस्तें रुक गई हैं। जो ट्रक मालिक हर माह 25 तारीख से पहले किस्त जमा करवा देते थे, वे दिसंबर में 30 तारीख तक भी किस्त नहीं दे पाए हैं। फाइनांस कंपनियों ने भी अब ट्रक मालिकों को किस्तें जमा करवाने के लिए फोन करने शुरू कर दिए हैं। हालात ऐसे ही रहे हैं तो जनवरी में फाइनेंस कंपनियों के साथ ट्रक ऑपरेटरों के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। किस्तें रुकने से उन पर पेनल्टी पड़ना शुरू हो जाएगी।
दो-दो किस्तों को एक साथ जमा करवाने का भार भी पड़ जाएगा। फाइनांस कंपनियों का दाड़लाघाट में करीब एक अरब से ज्यादा का कारोबार है। दाड़लाघाट में दो कंपनियों के पास ही 1,500 से ज्यादा ट्रक लोन पर हैं। कंपनियों के अनुसार हर माह 25 तारीख से पहले सभी ट्रकों की किस्तें आ जाती थीं। सुंदरम फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि दाड़लाघाट में उनका करीब 40 करोड़ का कारोबार है। उनके पास करीब 500 ट्रकों के लोन चल रहे हैं। इस बार 30 फीसदी ट्रकों की किस्तें रुक गई हैं। उधर, श्रीराम फाइनेंस कंपनी के महा प्रबंधक प्रवीण राणा ने बताया कि दाड़लाघाट में उनका करीब 70 करोड़ का कारोबार है। 1,000 से ज्यादा ट्रक लोन पर चल रहे हैं। हर माह 25 तारीख तक किस्तें जमा हो जाती थी, मगर इस बार 29 दिसंबर तक 60 फीसदी ट्रकों की किस्तें रुक गई हैं।
बरमाणा के 1,600 ट्रक ऑपरेटर भी नहीं दे पाए किस्त
सीमेंट प्लांट बरमाणा में लगे करीब 3,800 ट्रकों के पहिये पिछले 18 दिन से थमे हैं। इनमें करीब 1,600 ट्रक ऐसे हैं, जो अभी कर्ज पर चल रहे हैं। ट्रक ऑपरेटर 70 हजार से एक लाख रुपये प्रति माह लोन की किस्त दे रहे हैं। ट्रक खड़े रहने से अधिकतर ऑपरेटर दिसंबर की किस्त नहीं दे पाए हैं। बरमाणा सीमेंट प्लांट से माल ढुलाई बंद होने से ऑपरेटरों को प्रतिदिन करीब 70 लाख का घाटा हो रहा है।
ट्रक ऑपरेटर रमेश ठाकुर, सुशील गौतम, सुरेश ठाकुर और पवन ठाकुर ने बताया कि चार साल पहले मल्टी एक्सल ट्रक खरीदे थे। वे उनकी 90 हजार प्रतिमाह लोन की किस्त दे रहे हैं, लेकिन अब सीमेंट प्लांट बंद होने से दिसंबर की किस्त नहीं दे पाए हैं। किस्त नहीं भरने से बैंक वाले अतिरिक्त ब्याज वसूलेंगे, जबकि फाइनेंस कंपनियां किस्त भरने के लिए फोन कर रही हैं। लोन देने की अवधि चार से साल तक की तय की गई है, लेकिन अब किस्त टूटने से यह समय अवधि भी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि जितने महीने प्लांट बंद रहेगा, उनकी उतनी ही किस्तें टूटेंगी। उन्होंने अदाणी कंपनी से मांग की है कि जल्द प्लांट शुरू किया जाए।