आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के बावजूद प्रदेश में हजारों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मतदान से वंचित रह जाएंगे। कारण यह कि इनकी ड्यूटी चुनाव आयोग की प्रक्रिया के अनुसार नहीं लगी है। विभागों के डीडीओ ने ही इनकी ड़्यूटी लगाई, जिससे इनका मतदान करने के लिए प्रमाणपत्र नहीं बना। स्थानीय स्तर पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी लगनी चाहिए। चुनाव आयोग की ओर से राज्य में कुल 7881 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। सभी पर स्थानीय प्रशासन की ओर से एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी साथ लगाया गया है।
चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के साथ-साथ आवश्यक सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के लिए डाक मत पत्र के माध्यम से मतदान करने की व्यवस्था की गई है। पिछले चार दिन से राज्य के विभिन्न भागों और राज्य के बाहर भी कुछ स्थानों पर डाक मतदान करने की व्यवस्था की गई है।
विधानसभा चुनाव के लिए अधिकांश मतदान केंद्र स्कूलों में स्थापित किए गए हैं। जहां पर अधिकाधिक संख्या में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की सेवा ली जाती है, लेकिन दूसरे विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी पोलिंग पार्टी की सहायता के लिए साथ रखा गया है। ऐसे हजारों कर्मचारी मतदान से वंचित रह सकते हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग का कहना है निर्देश हैं कि मतदान केंद्र के आसपास के कर्मचारियों की सेवाएं ली जाएं। जैसे जलवाहक स्थानीय होते हैं और उन्हें मतदान की सुविधा आमतौर पर उसी केंद्र पर रहती है। दूसरे स्थानों के कर्मियों को मतदान के लिए जाने दिया जाना चाहिए।