आवाज़ एहिमाचल
कुल्लू। हिमाचल की संस्कृति को संजोकर रखने वाले और हिमाचली संस्कृति को देश-विदेश तक पहुंचाने वाले प्रसिद्ध लोक गायक इंद्रजीत ने कुल्लू प्रशासन से नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा निस्वार्थ होकर अपनी संस्कृति की सेवा की है और आगे भी हमेशा करता रहूंगा। दशहरा उत्सव आयोजन में प्रशासन द्वारा उनकी टीम को मान-सम्मान नहीं दिया गया। जिस होटल में ठहरने की व्यवस्था की गई थी वहां खाना तक नसीब नहीं हाे पाया। इंद्रजीत ने 20 लोगों की टीम को रात 11 बजे के बाद स्वयं पैसे खर्चकर खाना खिलाया। हालांकि, प्रशासन द्वारा सभी कलाकारों को रहने खाने की व्यवस्था की जाती है।
इंद्रजीत ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा उन्हें जो कहा गया था उसे पूरा नहीं किया गया है। कुल्लू के अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में हिमाचली कलाकारों को मान-सम्मान तक नहीं दिया जाता है जबकि बाहर से आए हुए कलाकारों की प्रशासन खूब आवभगत करता है। उन पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। इस तरह के दोहरे मापदंड से हिमाचली कलाकारों का मनोबल टूटता है। इंद्रजीत ने मांग की है कि प्रशासन को सभी कलाकारों को एक समान देखना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में प्राचीन लोक संस्कृति को संजोकर रखना चाहिए। पहली बार ऐसा हुआ कि प्रशासन द्वारा स्थानीय कलाकार को दरकिनार करने की कोशिश तक की गई है। हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कहने पर प्रशासन द्वारा उन्हें समय दिया गया।
बार-बार प्रोग्राम बंद करने की दी धमकी
कार्यक्रम के दौरान 10 मिनट के बाद बार-बार प्रोग्राम बंद करने की धमकी दी जा रही थी। प्रशासन के द्वारा डीसी पेज में जो उनका सांस्कृतिक कार्यक्रम लाइव हुआ था उसे पेज से तुरंत हटा दिया। इसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंच पर नाटी डाल रहे थे। इंद्रजीत इन सभी मुद्दों को लेकर जल्द ही एक ज्ञापन राष्ट्रपति और राज्यपाल के अलावा प्रदेश मुख्यमंत्री को भी भेजेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले को लेकर प्रेस वार्ता भी करेंगे। इसमें सभी मुद्दों को लेकर तथ्यों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की जाएगी।