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अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। एम्स बिलासपुर का फिजियोलॉजी विभाग अपने छात्रों को मेडिकल फिजियोलॉजी के क्षेत्र में सीखने और आगे बढ़ने के सर्वोत्तम अवसर प्रदान करता है। साथ ही यह विभाग अपने अनुसंधान क्रियाकलापों के माध्यम से स्थानीय समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव डालने की दिशा में भी कार्यरत है। वर्तमान में एमबीबीएस के द्वितीय बैच की नियमित कक्षाएँ चल रही हैं एवं तीसरे बैच के प्रवेश के साथ ही उनकी कक्षाएं भी जल्दी ही शुरू हो जाएँगी।
इसके अलावा विभाग वर्ष 2023 से फिजियोलॉजी में एमडी का स्नातकोत्तर कार्यक्रम शुरू करने की प्रक्रिया में है। विभाग में स्नातकोत्तर प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए विभिन्न प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जा रहीं हैं, जिसमें ऑटोनोमिक फंक्शन्स, एक्सरसाइज एवं न्यूरोफिजियोलॉजी, आदि प्रयोगशालायें शामिल हैं। अस्पताल सेवाओं के उद्देश्य से इन प्रयोगशाला सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। नवंबर 2022 के अंत तक ऑटोनोमिक फंक्शन्स प्रयोगशाला अस्पताल सेवाओं के लिए शुरू हो जाएगी।
विभाग वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में हाइपोथायरायडिज्म और जीवन शैली से संबंधित बीमारी में अनुसंधान की दिशा में काम कर रहा है। उपर्युक्त के अलावा, विभाग के चिकित्सक शिक्षकों ने अपने क्षेत्रों, जैसे कि योग, चिकित्सा शिक्षा आदि, से संबंधित, विभिन्न अनुसंधान परियोजनाएं प्रस्तुत की हैं और समाज के लाभ के लिए ऑटोनोमिक फंक्शन्स, एक्सरसाइज एवं न्यूरोफिजियोलॉजी आदि, के क्षेत्रों में भविष्य में अनुसंधान के माध्यम से योगदान देंगे।
वर्तमान में मनोचिकित्सा विभाग में एक सहायक प्रोफेसर और एक वरिष्ठ रेजिडेंट कार्यरत हैं। विभाग सामान्य मनोरोग और नशामुक्ति बाहरी सेवाएं चला रहे हैं। निकट भविष्य में इनडोर मनोरोग और नशामुक्ति सेवाएं शुरू करने की योजना है। अगले 3-4 महीनों में विभाग द्वारा इलेक्ट्रो-कंवल्सिव थेरेपी द्वारा उपचार उपलब्ध कराने की संभावना है।