आवाज़ ए हिमाचल
ब्यूरो, शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की सुरक्षा में तैनात रहे सुरक्षा कर्मी शेष राम को विभागीय कार्यवाही में सुनाई सजा को सही ठहराया। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने शेष राम की अपील को खारिज करते हुए विभागीय कार्यवाही और एकल पीठ के फैसले को सही ठहराया।
मामले के अनुसार 18 फरवरी, 2002 को प्रार्थी की तैनाती बतौर संतरी तत्कालीन मुख्यमंत्री के आवास पर की गई थी। उस दिन एक घुसपैठिए ने सुरक्षा का उल्लंघन करते हुए मुख्यमंत्री आवास के परिसर में प्रवेश किया और कुछ दूरी तय करने के पश्चात फरार हो गया था। प्रारंभिक जांच करने पर प्रार्थी और कुछ अन्य सुरक्षा कर्मी अपने कर्तव्य का ठीक तरह से पालन न करने के दोषी पाए गए थे। इसके पश्चात सभी के खिलाफ नियमित जांच अमल में लाई गई। प्रार्थी ने भी विभागीय कार्यवाही में भाग लिया और जांच अधिकारी ने उसे दोषी पाते हुए अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी।
अनुशासन प्राधिकारी ने जांच से सहमति जताते हुए 27 अक्तूबर, 2002 को पारित आदेशों के तहत प्रार्थी को कत्र्तव्य में गंभीर लापरवाही और पेशेवर अक्षमता का दोषी ठहराए जाने पर भविष्य में वेतन वृद्धि के दृष्टिगत 2 वर्ष के सेवाकाल को स्थायी तौर पर जब्त करने के आदेश जारी किए। प्रार्थी ने अपील और पुन: विवेचना याचिकाएं भी उच्च अधिकारियों के समक्ष दायर कीं परंतु उसे कोई राहत नहीं मिली। प्रार्थी की दया याचिका भी डीजीपी ने 16 दिसम्बर 2004 को खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट की एकल पीठ से भी प्रार्थी को कोई राहत न मिलने पर उसने खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।