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अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। जब किसी व्यक्ति में अहंकार आ जाता है तो तप और तेज किसी काम के नहीं रहते, यह संवाद जब भगवान शंकर के अनुचर नंदी ने लंकाधिपति रावण से कहे तो समूचा पंडाल तालियों की गडगड़ाहट से गूंज उठा। मौका था बिलासपुर की ऐतिहासिक राम नाटक के शुभारंभ के बाद मंचन के पहले दिन का। श्री राम नाटक मंचन का शुभारंभ अध्यक्ष नरेंद्र पंडित ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना के साथ किया। धीरे-धीरे बढ रही ठंड के बावजूद इस पारंपरिक धार्मिक कार्यक्रम के साक्षी बनने के लिए लोग देर रात तक पंडाल में डटे रहे। वहीं कलाकारों की बेहतरीन अदाकारी ने उन्हें निराश नहीं किया।
आश्विन नवरात्रों की प्रथम संध्या में पहले दृश्य में रावण के अत्याचारों से भयभीत सभी देवी-देवता बैकुंठ नाथ विष्णु के समक्ष न्याय की गुहार लगाने पहुंच जाते हैं। जहां वे त्रिलोकी नाथ के समक्ष अपनी अपनी व्यथा सुनाते हैं। भगवान विष्णु उनकी बात को मानकर उन्हें आश्वासन दे देते हैं, जबकि दूसरे दृश्य में अभिमानी रावण कैलाश पर्वत को अपने मार्ग से हटाने की चुनौती देता है। रावण का सेनापति मारीच और शंकर के अनुचर नंदी रावण को काफी समझाने का प्रयत्तन करते है लेकिन अभिमानी रावण उनकी एक नहीं सुनता। जब रावण हार जाता है तो वह भगवान शंकर की अराधना करता है। भगवान भोले नाथ रावण की भक्ति से प्रसन्न होकर उसे चंद्रहास खडग प्रदान करते हैं तथा अमरत्व का वरदान सशर्त देते हैं। इस दृश्य में रावण का अभिनय कर रहे बृजेश कौशल ने अपने किरदार से भरपूर न्याय किया।
संध्या के तीसरे दृश्य में मातृ-पितृ भक्त श्रवण कुमार के मार्मिक दृश्य की प्रस्तुति से दर्शकों की आंखे नम हो गई। समिति के कलाकार गोपी ने दशरथ का अभिनय निभाया जबकि श्रवण के रोल में विकास पुंडीर ने अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ी। निशांत रघु ने शांतनू व अमित ने ज्ञानवती का किरदार निभाया। चैथे दृश्य में कामांध रावण वेदवती से प्रेमालाप करता है और उसे बलपूर्वक पाने का प्रयत्न करता है। लेकिन वेदवती रावण को श्राप देकर गोलोक सिधार जाती है। वेदवती का अभिनय पारस ने निभाया। प्रथम संध्या में विष्णु का किरदार नवीन सोनी, ब्रम्हा का राजेंद्र चंदेल, नारद सुमित मैहता, इंद्र शेर बहादुर, धरती आर्यन, गणेश आयुष, कुबेर अंशुल, सुज्जल वरूण, रजत अग्नि, यम शिवम कौशल, वायु और नंदी पारस गौतम, शंकर कपिल शर्मा, मारीच शुभम आदि ने निभाया। शुभारंभ के दौरान महासचिव मदन कुमार, निर्देशक अनिल मेहता, राज पाल कपिल, सुशील पुंडीर, रितेश मैहता, अनीश ठाकुर आदि मौजूद थे।