आवाज़ ए हिमाचल
सुमित शर्मा,परवाणू
25 सितंबर।प्रदेश मे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मुश्किल से दो माह बचे है, लेकिन लगता है की परवाणू कांग्रेस अपनी पिछली गलतियों से कुछ भी नही सीखना चाहती। कसौली विधानसभा क्षेत्र के परवाणू में पिछले लगातार तीन विधानसभा चुनावों मे भाजपा से मात खा रही कांग्रेस अभी तक चुनावी माहौल मे नहीं रंग पाई है। चुनावी मौसम में परवाणू कांग्रेस की निष्क्रियता विधानसभा चुनावों में पार्टी पर भारी पड़ सकती है।
गौरतलब है की पिछले लगातार तीन विधानसभा चुनावों में परवाणू जोन से कांग्रेस भाजपा से पिछड़ती आ रही है। पिछले दो विधानसभा चुनावों में तो भाजपा की जीत का रास्ता ही परवाणू से निकला था। कसौली विधानसभा क्षेत्र के बाकी क्षेत्रों में बराबरी की टक्कर देती आ रही कांग्रेस पिछले दोनों विधानसभा चुनावों मे परवाणू से पिछड़ कर कसौली की सीट बेहद मामूली अंतर से गंवा चुकी है, लेकिन अपनी पिछली भूल से सबक न लेते हुए परवाणू कांग्रेस अभी भी निष्क्रिय बनी हुई है।
परवाणू कांग्रेस लगता है की बैरियर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के स्वागत व दिवंगत नेताओं को उनके जन्म अथवा पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने तक ही सीमित होकर रह गई है। आलम यह है की कई महीनों से परवाणू कांग्रेस की कोई बैठक तक नहीं आयोजित की गई है।
परवाणू कांग्रेस के नेता न तो जनता से जुड़ पा रहे है व न ही उनसे संबंधित मुद्दे उठा पा रहे है। परवाणू डेंगू से जूझ रहा है लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस व उनके नेताओं का कोई अता पता नहीं है। लंपी बीमारी को लेकर भी परवाणू कांग्रेस के सुरमा बने नेताओं के मुँह से एक शब्द तक नहीं निकला है। डेंगू जैसी भीष्ण बीमारी में लोगों को आस थी की विपक्षी दल के नेता सरकार के समक्ष उनकी समस्याएं रखेंगे, लेकिन इसके उलट कांग्रेस नेता चुप्पी साधे हुए है। पिछले दिनों परवाणू में तीन चार दिन पेयजल को लेकर हाहाकार मचा रहा, लेकिन कांग्रेस के स्थानीय नेता जनता के साथ खड़े नजर नहीं आए। वे न तो जनता का पक्ष सरकार के समक्ष रख रहे है और न ही सरकार की विफलताओं को जनता तक पहुंचा पा रहे है।
इससे पहले भी परवाणू कांग्रेस के नेता कसौली ब्लॉक कांग्रेस (अब भंग) के कार्यक्रमों मे पहुंचकर ही अपने दायित्वों से पीछा छूटाते रहे है। अपने स्तर पर पार्टी का कोई आयोजन परवाणू कांग्रेस ने अब तक नहीं किया है। कसौली ब्लॉक कांग्रेस द्वारा भंग होने से पहले परवाणू में आयोजित गौरव तिरंगा यात्रा में भी कांग्रेस के पदाधिकारीयों ने समापन के चंद मिनट पहले पहुंचकर महज मुँह दिखाई की रस्म ही अदा की थी। अगर परवाणू कांग्रेस व उनके नेताओं का यही रवैया रहा तो आने वाले चुनावों में परवाणू कांग्रेस की निष्क्रियता फिर से पार्टी पर भारी पड़ सकती है, ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस बारे सोचना होगा।
उधर, परवाणू के मुद्दों बारे परवाणू कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र गर्ग से संपर्क साधा गया तो उनके पुत्र नें फोन उठाकर बताया की रविंद्र गर्ग अस्वस्थ हैं और अभी सो रहे हैं।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष शिव कुमार ने कहा की अभी फ़िलहाल कसौली ब्लॉक कांग्रेस कमेटी नहीं हैं। यदि परवाणू कांग्रेस शहरी इकाई के अध्यक्ष वहाँ के मुद्दों को नहीं उजागर कर रहे हैं तो वे स्वयं परवाणू शहरी कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र गर्ग से वहाँ के स्थानीय मुद्दो पर कार्य करने की बात करेंगे। शिव कुमार ने कहा की अभी कसौली कांग्रेस में कुछ परेशानियाँ चल रही है जिसे जल्द ही दूर कर दिया जायेगा व सभी एक साथ होकर आगामी विधानसभा में नई ऊर्जा के साथ उतरेंगे और जनता से जुड़े सभी मुद्दे उठाएंगे।