प्रैस क्लब बिलासपुर ने मनाई प्रसिद्ध साहित्यकार शब्बीर कुरैशी की 16वीं पुण्यतिथि

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आवाज़ ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा : बिलासपुर के वरिष्ठ पत्रकार, प्रसिद्ध साहित्यकार तथा कवि स्वर्गीय शब्बीर कुरैशी जी की 16वीं पुण्यतिथि पर जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग के सभागार में कवि एवं साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री नयना देवी जी विस क्षेत्र के विधायक राम लाल ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, जबकि कांग्रेस सेवादल महासचिव संदीप सांख्यान ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में शामिल हुए।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्यातिथि राम लाल ठाकुर द्वारा स्वर्गीय शब्बीर कुरैशी जी के चित्र पर द्वीप प्रज्जवलन व पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

 

अपने संबोधन में मुख्यातिथि राम लाल ठाकुर अपने बचपन के मित्र स्वर्गीय शब्बीर को स्मरण करते इतने भावुक हुए कि उनकी आखें नम हो गई। उन्होंने बताया कि छात्र राजनीति से ही वे उनके मित्र रहे तथा उनकी लेखनी इतनी सशक्त थी कि बड़े से बड़ा विद्वान उनके आगे नतमस्तक हो जाता था, पत्रकारों के आपसी मनमुटाव में भी शब्बीर कुमार ने केवल सत्य का साथ दिया, जबकि भीड़ की सहमति उनके स्वभाव से मेल नहीं खाती थी। बचपन से ही सभी की सहायता करने की प्रकृति और स्वभाव के कारण शब्बीर कुरैशी प्रशासनिक और राजनीतिक पकड़ अतुलनीय थी। धर्मांधता के कारण इन्सान बंट गया है, लेकिन शब्बीर कुरैशी जैसे इन्सानों के कारण ही समरसता, एकता और अखंडता के भाव जीवित रहे। जब भी कोई व्यक्ति उनके पास फरियाद लेकर आता था तो वे सब काम छोड़ उस दीन मजलूम व्यक्ति की बात न सिर्फ सुनते बल्कि उनके कष्टों का निवारण भी करते।

उन्होंने कहा कि शब्बीर कुरैशी जैसी महान विभूतियां विरली पैदा होती हैं। संगोष्ठी के दूसरे सत्र में रविंद्र नाथ भट्टा ने शब्बीर कुरैशी पर पत्र वाचन किया, जिसे सभी ने सराहा। इसके बाद काव्य गोष्ठी में कुरैशी के मित्र एवं कवियों में शामिल एसआर आजाद, कमाडेंट सुरेंद्र शर्मा, रामपाल डोगरा, अरूण डोगरा, जीत राम सुमन, आनंद सोहर व्याकुल, सुशील पुंडीर, हुसैन अली, प्रदीप गुप्ता, अनीश ठाकुर, रोशन दीन, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. शाहिद खान ने शब्बीर कुरैशी के बारे में कविता और प्रसंग के माध्यम से उन्हें याद किया तथा श्रद्धासुमन अर्पित किए।

शब्बीर कुरैशी जी की धर्मपत्नी आशा कुरैशी ने अपने स्वर्गीय पति की स्मृति में रचना बढ़ कर उनकी यादों को ताजा किया। वहीं उभरते गायक अभय कुमार ने चल मेरी जिंदे लोकगीत गाकर पुराने शहर के उजड़ते हुए समय की यादों को ताजा कर दिया। सुरीली आवाज गाए गए इस विस्थापन के गीत ने खूब वाहवाही लूटी।

इस सारे कार्यक्रम में भैरवा फिल्म अकेडमी के एमडी पियूष कांगा और उनकी टीम में शामिल अभय, विक्रांत, रोहित और राहुल मंच और सभागार की व्यवस्था संभाला। इस कार्यक्रम में जिला प्रैस क्लब के पूर्व प्रधान एवं वरिष्ठ पत्रकार संजय शर्मा, राम सिंह, अंजना शुक्ला, अश्वनी पंडित, सुनील वशिष्ठ, अरूण चंदेल, शुभम राही, अनूप उपमन्यू, कश्मीर सिंह ठाकुर, राजेश मिश्रा, रणजीत सिंह, उदय कुमार तिवारी और सोहन लाल ठाकुर मौजूद रहे।

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