आवाज़ ए हिमाचल
विक्रम चंबियाल, धर्मशाला।
24 जून। तिब्बत पर 8वें विश्व सांसद सम्मेलन 8वे के उद्घाटन के दौरान तिब्बत में महान उपाध्याय शांतरक्षित की भारतीय संस्कृति के पहलुओं की स्थापना को याद करते हुए तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा की हमने उस संस्कृति को इस हद तक आत्मसात कर लिया है कि छोटे बच्चों के रूप में भी तिब्बती करुणा व्यक्त करते हैं, लेकिन यह अच्छी प्रथा केवल तिब्बतियों तक ही सीमित नहीं है। हम दूसरों को प्रेम और करुणा के महत्व से अवगत करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इन तरीकों में पारंगत तिब्बती ऐसा करते रहे हैं और उन्हें उस लक्ष्य में योगदान देना जारी रखना चाहिए, क्योंकि हमारे पास ऐसा करने का अवसर है।