स्थानीय लोगों ने मंत्री सरवीन चौधरी के समक्ष उठाई सड़क सुविधा देने की मांग
आवाज ए हिमाचल
तरसेम जरियाल, धारकंडी।
14 जून। विधानसभा हलका शाहपुर के धारकंडी क्षेत्र के गांव लिंगरू, लग, बुझाणु के सैंकड़ों लोग आज़ादी के 7 दशक बीतने के बाद आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। सड़क सुविधा न होने के चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि बीमारी के दौरान तो लोगों को पालकी का सहारा लेना पड़ता है।
सड़क सुविधा से वंचित लोगों ने अब समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी के समक्ष गुहार लगाई है।
लोगों ने सरवीन चौधरी से मिलकर जल्द से जल्द कनोल से लिंगरू बुझाणु सड़क निर्माण करवाने की मांग की है।
लोगों का कहना है कि वे कई वर्षों से सड़क निर्माण की मांग कर रहे है, लेकिन उनकी इस समस्या के बारे में कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
इस मौके पर ग्रामीणों ने बताया कि तक सड़क के लिए ग्रामीण लंबे समय से शासन-प्रशासन से मांग कर रहे थे।
इस समय ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचने के लिए लगभग दो घंटे का पैदल सफर तय करना पड़ता हैं। सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को कई प्रकार की समस्यायों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने मंत्री को बताया कि जब भी गांव में कोई बीमार हो जाता है तो मरीज को पालकी और कंधे पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। गांव तक सड़क न होने के कारण कई परिवार निचले इलाके की तरफ पलायन कर चुके हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि मंत्री ने हमें आश्वश्त किया है कि बहुत जल्द इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
सरवीन से उम्मीद, हमारे गांव में भी पहुंचेगी सड़क
स्थानीय निवासी चमन लाल का कहना है कि आज शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में सड़कों की क्रांति आ गई है।ऐसे में उन्हें भी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी से उम्मीद है कि उनकी मांग पूरी होगी। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग सड़क न होने के चलते गांव छोड़ रहे है, जो चिंता का विषय है।
सरवीन पर है पूरा भरोसा
अशोक कुमार ने कहा कि आज अधिकतर गांव सड़क से जुड़ चुके है, लेकिन उनका गांव आज भी सड़क सुविधा से बंचित है। उनका गांव बहुत खूबसूरत है लेकिन फिर भी सुविधाएं न होने के चलते लोग गांव से पलायन कर रहे हैं। उन्हें सरवीन चौधरी पर पूरा भरोसा है कि वे अन्य गांवों की तरह उनके गांव को भी सड़क सुविधा से जोड़ेंगी।
सिर्फ सरवीन ही बना सकती है सड़क
हरबंस का कहना है कि आज भी बीमारी के दौरान गांव के लोगों को पालकी का सहारा लेना पड़ रहा है।सरवीन की बदौलत आज हर गांव सड़क से जुड़ रहा है। उन्हें भी उम्मीद है कि उनके गांव तक भी सड़क पहुंचेगी तथा यह कार्य सिर्फ सरवीन ही कर सकती है।