आवाज़ ए हिमाचल
मंडी, 11 जून। भविष्य में भारी-भरकम इलेक्ट्रानिक उत्पादों से निजात दिलवाने के लिए आईआईटी मंडी के बेसिक साइंस विभाग के वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक की जगह एक ऐसा मैटीरियल तैयार किया है, जो बेहद पतला और लचीला होगा। यह न टूटेगा न क्रैक होगा। उसमें इलेक्ट्रिकल सर्किट, नैनो चिप उसी तरह काम करेगी जैसे फोन, टीवी और कंप्यूटर आदि में काम करेंगे।
टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप अब इतने लचीले होंगे कि उन्हें भी आप जमीन पर बिछाने वाली मैट की तरह फोल्ड कर सकेंगे। यही नहीं, मोबाइल भी कागज की भांति पतले और फोल्डेबल आएंगे।
आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा ने बताया कि यह संभव होगा क्रैक-फ्री टंगस्टन डाइसल्फाइड (डब्ल्यूएस 2) मोनोलेयर से, जिसे प्राप्त करने की प्रक्रिया को आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों ने विकसित कर लिया है। इस शोध के निष्कर्ष एसीएस एप्लाइड मैटीरियल्स इंटरफेस में प्रकाशित किए गए हैं।
इस शोध के प्रमुख आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंस के प्रो. डॉ. विश्वनाथ बालकृष्णन हैं। इसमें सहयोगी शोधार्थी दिव्या वर्मा, पवन कुमार और दीपा ठाकुर हैं। परीक्षण के साथ ही डेंसिटी फंक्शनल थ्योरी (डीएफटी) सिमुलेशन किए गए। इनमें टोरंटो विश्वविद्यालय के प्रो. चंद्र सिंह और आईआईटी खड़गपुर की डॉ. शंखा मुखर्जी हैं। इस प्रोजेक्ट में फाइनांस एमएचआरडी स्टार्स, इंडिया और कनाडा प्राकृतिक विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान परिषद ने किया।
डॉ. विश्वनाथ बालकृष्णन कहते हैं कि क्रैक-फ्री मोनोलेयर प्राप्त करने के लिए थर्मल मिसमैच स्ट्रेस और सब्सट्रेट एवं मोनोलेयर के बीच बंधन ऊर्जा का अनुकूलन आवश्यक होता है। सफायर सब्सट्रेट पर उत्पन्न डब्ल्यूएस 2 मोनोलेयर टूटेगा नहीं, क्योंकि यह डब्ल्यूएस 2 मोनोलेयर में कंप्रेसिव रिजाइडुअल स्ट्रेस पैदा करता है। यह उपयोग भविष्य में लचीले उपकरणों का प्रोटोटाइप तैयार करने में मददगार साबित होगा। इससे प्लास्टिक से फैल रहा प्रदूषण कम होगा।
वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय कंपनियां एप्पल, शाओमी और सैमसंग आदि लचीले स्क्रीन वाले मोबाइल तो निकाल रही हैं, लेकिन भारत में अभी टीवी, लैपटॉप और कंप्यूटर आदि नहीं निकले हैं। हालांकि चीन ने इस तकनीक पर काम करना शुरू कर दिया है।