आवाज ए हिमाचल
जीडी शर्मा,राजगढ़
10 अप्रैल।भगवान के स्मरण एवं दर्शन मात्र से मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पाप खत्म हो जाते है और मनुष्य के सभी दुखो का नाश हो जाता है।यह बात पंडित कृष्ण कांत शांडिल्य ने रावना में चल रहे श्रीमद देवी भागवत महा पुराण यज्ञ में कथा प्रवचन करते हुए कही। उनका कहना था कि धर्म का फल विषय से वैराग्य है,जो लोग जीवन में धर्म का पालन करते है उन्हें अंतिम अवस्था में संसार से वैराग्य हो जाता है। काम,क्रोध व लोग हमारे जीवन के महाशत्रु है,इसलिए हमे इनका त्याग कर देना चाहिये।उनका कहना था कि आज पूरा समाज पाश्चात्य सभ्यता की और अग्रसर है और हम अपनी अमुल्य संभ्यता एवं संस्कृति को भूलते जा रहे है जो की एक चिंता का विषय है।
उन्होने कहा कि हमारे शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गौ माता के रोम रोम में देवी देवताओ का वास है,लेकिन आज हम गौ माता की सेवा केवल तब तक करते है जब तक वह दूध देती है उसके बाद उसे सडको पर भूखा मरने के लिए छोड देते है। इसके इलावा आज तो औलाद अपने माता पिता तक को वृद्व आश्रम में भेज रहे है।यह हमारे देश की सनातन सभ्यता व स्मृद्व पारिवारिक पंरपरा पर एक बडा कंलक है।उनका कहना था कि हमे हमेशा मातृ शक्ति का आदर करना चाहिये क्योंकि शास्त्रों में नारी को नारायणी कहा गया है, जिस घर में नारी का सम्मान होता है उस घर में हमेशा देवी देवताओ का वास होता है।
उन्होनें भक्तो से अपील की कि वे भागवत कथा सुन कर यहा पर एक बुराई जरूर त्याग कर जाये तभी भागवत श्रवण करना सार्थक सिद्व होगा।