आवाज़ ए हिमाचल
श्रीनगर/नई दिल्ली, 24 मार्च। अरब देशों में भारत के बढ़ते प्रभाव और कश्मीर में अपने एजेंडे की नाकामी से हताश पाकिस्तान लगातार दुष्प्रचार करने में लगा है। बुधवार को पाकिस्तान दिवस के उपलक्ष्य में इस्लामाबाद में आयोजित मुख्य समारोह के दौरान निकाली गई परेड में जम्मू कश्मीर की एक झांकी भी शामिल की गई। इसमें पाकिस्तान को अपना संरक्षक बताने वाले दिवंगत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी और मारे गए हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के पोस्टर भी थे।
अपनी राष्ट्रीय परेड में आतंकी और अलगाववादी के पोस्टर लगाकर पाकिस्तान ने यह साबित कर दिया कि वह जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को समर्थन देता है। यही नहीं, झांकी में हजरतबल दरगाह की प्रतिकृति भी शामिल थी। परेड देखने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआइसी) के 57 सदस्य भी मौजूद रहे। बता दें कि एक दिन पहले ओआइसी की बैठक में भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर का राग अलापते हुए कहा था कि 57 सदस्यीय समूह में एकता नहीं होने से हम कश्मीर पर कुछ नहीं कर पा रहे।
पाकिस्तान बेशक 14 अगस्त 1947 को अस्तित्व में आया है, लेकिन पाकिस्तान के गठन का प्रस्ताव 23 मार्च 1940 को लाहौर में मुस्लिम लीग के एक सम्मेलन में पारित किया गया था। इसी दिन की याद में हर साल 23 मार्च को पाक में पाकिस्तान दिवस मनाया जाता है। पाकिस्तान में इस दिन का वही महत्व है, जो भारत में 26 जनवरी का है। यह पहला मौका है जब पाकिस्तान दिवस पर इस्लामाबाद में आयोजित मुख्य समारोह में जम्मू-कश्मीर की झांकी को शामिल किया गया हो और उसमें अलगाववादियों व आतंकियों के पोस्टर भी हों।
कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ रशीद राही ने कहा कि यह अत्यंत आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हुआ है। पाकिस्तान कल तक यही कहता आया है कि वह कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा के लोगों का सिर्फ राजनीतिक समर्थन करता है। वह आतंकी हिंसा के खिलाफ है और कश्मीर में जारी आतंकी हिंसा में उसकी कोई भूमिका नहीं है। आतंकी बुरहान हिजबुल मजाहिदीन का पोस्टर ब्वाय था। पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस की मुख्य परेड में एक आतंकी के पोस्टर वाली झांकी बता देती है कि वह कश्मीर में सक्रिय आतंकियों का आका है।
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ डा. अजय चुरंगु ने कहा कि पाकिस्तान कब आतंकियों का समर्थक नहीं था। उसने आज जो किया है, उसने यूूं ही नहीं किया। संयुक्त अरब अमीरात का एक प्रतिनिधिमंडल आज ही कश्मीर से लौटा है, जो निवेश की संभावनाओं को तलाशने आया था। उसका आगमन कश्मीर मुद्दे पर भारत के स्टैंड को सही ठहराता है। इसलिए पाकिस्तान की परेड में जम्मू-कश्मीर की झांकी को शामिल किया गया है, ताकि ओआइसी के प्रतिनिधि देखें व कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करें।
डा. अजय चुरंगु ने कहा कि इसके अलावा इस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के संकट से जूझ रहे हैं। उनके खिलाफ पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में अविश्वासमत प्रस्ताव लाया जा रहा है। पाकिस्तान की सियासत में कश्मीर का महत्व सभी जानते हैं और इसलिए इमरान खान ने जानबूझकर इस झांकी को पाकिस्तान दिवस परेड का हिस्सा बनाया है।