आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 5 मार्च। गत दिवस शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद आज राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल का आयोजन किया गया, लेकिन प्रश्नकाल के बाद उस वक्त सदन का माहौल गरमा गया जब शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने अपने दिवंगत पिता पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के खिलाफ की गई टिपप्णी का जवाब दिया।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पहाड़ी में एक कहावत है कि अपनी खलड़ी में रहें। मंत्री अपने काम पर ध्यान दें और अपनी खलड़ी में रहें। उन पर असम्मानजनक टिप्पणी न करें जो 6 बार मुख्यमंत्री रहे हों।
विक्रमादित्य सिंह ने वीरभद्र सिंह के ही डायलॉग से मंत्री पर हमला किया। वीरभद्र कई बार विरोधियों के खिलाफ पहाड़ी बोली के इस शब्द का इस्तेमाल करते थे। मंत्री ने विक्रमादित्य सिंह पर कुछ दिन पहले वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई में चले मामले पर जुबानी हमला बोला था।
उन्होंने कहा कि वह इस बारे में मानहानि का दावा करना चाह रहे थे पर अधिवक्ताओं ने कहा कि सदन में कही बात पर यह नहीं हो सकता। जो मामला अब उन पर कोर्ट में भी खत्म है, उस पर बेबुनियाद की टिप्पणी हो रही है। जो पहले निर्दलीय थे, अब भाजपा में, कल आम आदमी पार्टी में जाएंगे, वे ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं।
इस पर वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि वह मंत्री का नाम लें। इन्हें नाम लेने में क्या दिक्कत है। कोई किसी से डरता नहीं है। सब जानते हैं कि किसको किसकी खलड़ी में रहना है। विक्रमादित्य भी अपनी खलड़ी में रहें। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा- मंत्री जी! आप सॉरी फील करें। वीरभद्र कोई सामान्य व्यक्ति नहीं थे। उनके बारे में इस तरह की टिप्पणी करना सही नहीं है।
मुख्ममंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जब वह सदन में नहीं थे तो यहां यह घटना हुई थी। लोकतांत्रिक व्यवस्था में अगर एक व्यक्ति को बात कहने का हक है तो दूसरे को भी है। वीरभद्र सिंह को सब सम्मान देते थे। इस तरह की बातों को इग्नोर करना चाहिए। विक्रमादित्य ने भी खलड़ी में रहने की बात करते हुए जिस तरह से कहा है, उससे भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचना स्वाभाविक है। ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए।