आवाज़-ए-हिमाचल
महेंद्र सिंह,सैंज(कुल्लू)
3 दिसम्बर : कुल्लू ज़िला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज मात्र एक डॉक्टर के सहारे चल रहा है।यहां स्टाफ की भी भारी कमी है,जिस कारण यह अस्पताल मात्र शोपीस बन कर रह गया है।अहम यह है कि अस्पताल में आउट सोर्स पर सेवा दे रही दो नर्सों को छुट्टी कर दी गई है।घाटी की 14 पंचायतों में कम से कम 25000 के आसपास आबादी है। घाटी में एक ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है,जिसके हालात भी ठीक नहीं है।हाल ही में पिछले वर्ष सैंज संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा 11 दिनों तक क्रमिक अनशन रखा गया था, जिसमें समिति द्वारा मांग रखी गई थी की इस हॉस्पिटल को अपग्रेड किया जाए तथा डॉक्टर और पेरामेडिकल स्टाफ की भर्ती
की जाए,जिसके बाद एक डॉक्टर को हॉस्पिटल में भेजा गया,लेकिन कुछ ही समय बाद अन्य एक डॉक्टर की ट्रांसफर कर भुंतर भेजा गया और यह हॉस्पिटल फिर से एक डॉक्टर के सहारे रह गया।प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और सैंज स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र में आउट सोर्स के तहत दो नर्सों की ड्यूटी भी समाप्त कर दी गई है। सैंज संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा की सरकार जल्द इन नर्सों की सेवा बहाल करवाएं व इस हॉस्पिटल में ग्रेड 2 का
स्टाफ तैनात किया जाए।महेश शर्मा ने कहा की मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र के पड़ोस की विधानसभा के ही यह हाल है तो अन्य जगह क्या होगा।समिति ने मांग रखी है कि मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री जल्द घाटी का दौरा करें।उन्होंने सरकार से कहा है कि यदि जल्द समिति की मांगों को नहीं माना गया तो घाटी में एक महा जन आंदोलन होगा जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।वही डीसी कुल्लू रिचा वर्मा ने कहा कि जल्दी सैन्ज हॉस्पिटल के स्टाफ की रिपोर्ट सीएमओ कुल्लू से मांगी जाएगी और घाटी के 15 पंचायतों के लोगों की समस्या का हल किया जाएगा।