कभी भी मकान पर गिर सकते है सफेदे के पेड़,वन विभाग भी कर चुका है असुरक्षित घोषित

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आवाज़ ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर

03 फरवरी।राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुखाला की सीमा पर लगे सफेदे के पेड़ जितेन्द्र कुमार के लिए परेशानी बन चुके है। जितेन्द्र कुमार की जमीन जुखाला स्कूल के साथ लगती है, जिस पर उन्होंने मकान बनाया है। इस मकान को बनाने के लिए जितेन्द्र कुमार ने अपने जीवन भर की कमाई व जमा पूंजी खर्च कर दी है,लेकिन अब इस मकान के टूटने का ख़तरा बना हुआ है। स्कूल की सीमा पर लगे सफेदे के पेड़ उनके मकान के लिए ख़तरा बन चुके है।जितेन्द्र ने बताया कि उनकी जमीन के साथ स्कूल की सीमा पर लगभग 40 सफेदे के पेड़ है, जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है और इनकी लम्बाई 250 फीट के आसपास है।

जितेन्द्र ने बताया कि स्कूल के मैदान का सारा पानी उनके खेत में आ रहा है और करीब 6 पेडों की जड़े इस पानी की बजह से पूरी तरह से निकल चुकी है, जिसकी बजह से यह पेड़ कभी भी गिर सकते है और इनके गिरने से उनका सारा मकान टूट सकता है। उन्होंने बताया कि जब भी हवा तूफ़ान चलता है तो इन पेडों के गिरने का खतरा बना रहता है।

जितेन्द्र कुमार ने बताया कि वे 25 जून 2020 से लगातार विभाग और प्रशासन के पास इन पेड़ो को काटने के लिए शिकायत कर रहे है, परन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई।जनमंच में भी इस बारे शिकायत की गई,परन्तु वहां से भी आश्वाशन के अलावा कुछ नही मिला।

जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने स्कूल के प्रधानाचार्य को पत्र लिख कर इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की, परन्तु जब वहां से कोई कार्रवाई नही हुई तब उन्होंने इस बारे एसडीएम को शिकायत की जिसके बाद एसडीएम ने इस बारे में वन विभाग को मौके पर जाकर स्थिति की रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए।वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने पाया कि सीमा पर लगे 6 सफेदे के पेडो की जड़े पूरी तरह से निकल चुकी है, जिसकी बजह से यह पेड़ कभी भी मकान पर गिर सकते है। वन विभाग ने एसडीएम को दी अपनी रिपोर्ट में इन पेड़ो को लेकर सीआरपीसी की धारा 133 के तहत करवाई करने के लिए कहा।

बाद में एसडीएम ने शिक्षा विभाग के उपनिदेशक को पत्र लिख कर इस मामले में आगामी कार्यवाही करने के आदेश दिए। जिसके बाद फिर से यह मामला स्कूल के प्रधानाचार्य के पास पहुँच गया और उन्होंने फंड न होने का हवाला देते हुए इस कार्य को करने में असमर्थता जाहिर कर दी। इसके बाद स्कूल में तैनात प्रिंसिपल का तबादला हो गया और स्कूल में नए प्रिंसिपल ने कार्यभार संभाला।

नए प्रिंसिपल ने एसडीएम को इस संधर्भ में जो पत्र लिखा उसमे सारा विषय ही बदल दिया। उन्होंने पेड़ काटने की जगह मात्र इसकी कांटछांट करने के बारे में आगामी कार्यवाही पत्रों के माध्यम से की,लेकिन वास्तविकता में कोई भी कार्यवाही नही हुई ! इसके बाद जितेन्द्र कुमार ने 12 अक्टूबर 2021 को जुखाला में संपन्न हुए जनमंच में अपनी समस्या रखी।जनमंच की अध्यक्षता करने के लिए आए उर्जामंत्री सुख राम चौधरी ने आश्वाशन दिया कि 15 दिनों के भीतर आपकी समस्या हल हो जायेगी, परन्तु इसके बाद भी समस्या का कोई समाधान नही हुआ।इस बारे शिक्षा मंत्री को भी पत्र के माध्यम से अवगत करवाया गया,परन्तु कोई कार्यवाही नही हुई।थक हार कर 14 जनवरी को उपायुक्त बिलासपुर से मिल कर उन्हें इस समस्या से अवगत करवाया, जिसके बाद उप शिक्षा निदेशक ने स्कूल के प्रिंसिपल को 1 फरवरी 2022 को पत्र के माध्यम से निर्देश जारी किये कि 15 दिनों के भीतर स्कूल का जो पानी जितेन्द्र कुमार के खेतो में जा रहा है,उसे वहा से रोका जाए और इन पेड़ो को काटने के बारे में आगामी कार्यवाही की जाए अन्यथा यदि भविष्य में जितेन्द्र कुमार को कोई भी नुक्सान होता है तो संस्थान का मुखिया इसके लिए जिम्मेवार होगा।जितेन्द्र कुमार ने बताया कि इस बारे स्कूल के मुखिया उनके साथ एसडीएम साहब से मिले और एसडीएम ने स्कूल के प्रिंसीपल को कहा कि वह इस बारे उन्हें पत्र लिख कर पेड़ो को काटने की अनुमति मांगे।

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