आवाज़ ए हिमाचल
13 जनवरी।हिमाचल प्रदेश सरकार ने गुरुवार को बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। प्रदेश सरकार ने तीन आईएएस व 30 एचएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। गुरुवार को जारी आदेश के अनुसार धर्मशाला नगर निगम के आयुक्त प्रदीप कुमार ठाकुर को हिमाचल प्रदेश का नया श्रम आयुक्त लगाया गया है। इसके अलावा एडीसी कुल्लू शिवम प्रताप सिंह को एडीसी शिमला और एडीसी शिमला किरण भड़ाना को अतिरिक्त नियंत्रक स्टोर लगा दिया है।
वहीं, नियुक्ति का इंतजार कर रहे एचएएस अधिकारी संदीप नेगी को नौणी विश्वविद्यालय का रजिस्ट्रार, जिला उद्योग सोलन के जीएम राजीव कुमार को धर्मशाला नगर निगम का आयुक्त, धर्मशाला नगर निगम की अतिरिक्त आयुक्त डॉ. मधु चौधरी को सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला रहे अक्षय सूद को आयुक्त नगर निगम पालमपुर, एमसी आयुक्त पालमपुर विनय धीमान को जिला पर्यटन विकास अधिकारी कांगड़ा और नौणी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रशांत सरकेक को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कुल्लू लगाया है। वहीं, संयुक्त आयुक्त राजस्व डॉ. केवल राम सैजल को सचिव राज्य खाद्य आयोग, सहायक सेटलमेंट अधिकारी कुल्लू दीप्ति मंढोत्रा को जिला पर्यटन विकास अधिकारी कुल्लू, जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक ताशी संदूप को नगर निगम सोलन का आयुक्त और नगर निगम सोलन के आयुक्त रहे लाइक राम वर्मा को जीएम जिला उद्योग सोलन के साथ जोगिंद्र केंद्रीय सहकारी बैंक का प्रबंध निदेशक लगाया गया है। वहीं, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण विकास संजीव सूद को अतिरिक्त निदेशक उच्च शिक्षा, अतिरिक्त निदेशक उच्च शिक्षा नीरज गुप्ता को अतिरिक्त निदेशक एससी ओबीसी विभाग के साथ जिला पर्यटन विकास अधिकारी शिमला, अतिरिक्त निदेशक पंचायती राज सुरेंद्र माल्टू को अतिरिक्त निदेशक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले तैनात किया गया है।
अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं अनिल कुमार को संयुक्त सचिव राजस्व का अतिरिक्त कार्यभार, जिला पर्यटन विकास अधिकारी कांगड़ा प्रीति पाल सिंह को अतिरिक्त आयुक्त धर्मशाला नगर निगम, उपायुक्त बिलासपुर के सहायक आयुक्त रहे सिद्धार्थ आचार्य को एसडीएम बाली चौकी, एसडीएम राजगढ़ सुरेंद्र मोहन को एसडीएम रामपुर, संयुक्त सचिव आवास नीरज कुमारी चांदला को संयुक्त निदेशक पंचायती राज, संयुक्त निदेशक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले डॉ. भावना को संयुक्त निदेशक ग्रामीण विकास, उपायुक्त हमीरपुर के सहायक आयुक्त रमन को संयुक्त निदेशक श्री अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान मनाली, एसडीएम बंजार हेम चंद्र वर्मा को आरटीओ कुल्लू, संयुक्त निदेशक एससी ओबीसी अल्पसंख्यक विभाग जीवन सिंह को उप सचिव वन एवं राजस्व, एसडीएम रामपुर यादविंदर पॉल को एसडीएम राजगढ़, एसडीएम ज्वाली कृष्ण कुमार शर्मा को संयुक्त आयुक्त नगर निगम मंडी लगाया है।
इसके अलावा नियुक्ति का इंतजार कर रही अपराजिता चंदेल को डीसी हमीरपुर का सहायक आयुक्त, महेंद्र प्रताप सिंह को एसडीएम ज्वाली, आरटीओ ऊना रमेश चंद कटोच को एसडीएम कोटली, आरटीओ कुल्लू रहे प्रकाश चंद आजाद को एसडीएम बंजार, जिला पर्यटन विकास अधिकारी कुल्लू राजेश भंडारी को सहायक सेटलमेंट अधिकारी कुल्लू, आरटीओ बिलासपुर रहे योगराज को उपायुक्त बिलासपुर के सहायक आयुक्त लगाया गया है। वहीं, विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल को विशेष सचिव पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन और उप सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तोता राम परमार को आवास विभाग के उप सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। वहीं हिमुडा के कार्यकारी निदेशक ज्ञान सागर नेगी को हिमफैड के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है
अजय श्रीवास्तव बने वन विभाग के नए पीसीसीएफ हॉफ
वहीं, हिमाचल प्रदेश वन विभाग को आखिरकार चार महीने बाद अपना स्थायी पीसीसीएफ (हेड ऑफ फारेस्ट फोर्स) मिल गया। प्रदेश सरकार ने 1988 बैच के आईएफएस अधिकारी अजय श्रीवास्तव को वन विभाग का नया पीसीसीएफ हॉफ नियुक्त कर दिया है। अक्तूबर 2021 से अब तक पीसीसीएफ वन्यजीव रहे श्रीवास्तव ही पीसीसीएफ हॉफ के पद का कामकाज अस्थायी तौर पर संभाल रहे थे। चार महीने के लंबे मंथन के बाद आखिरकार सरकार ने उन्हें ही स्थायी तौर पर यह जिम्मेदारी दे दी है। इसके साथ ही सरकार ने हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के एमडी रहे राजीव कुमार को पीसीसीएफ वन्यजीव नियुक्त कर दिया है। वीरवार को कार्मिक विभाग ने दोनों की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। उल्लेखनीय है कि चार महीने पहले 30 सितंबर को तत्कालीन पीसीसीएफ हॉफ डॉ. सविता सेवानिवृत्त हो गई थीं।
उनकी सेवानिवृत्ति के दौरान ही प्रदेश में विधानसभा की तीन और लोकसभा की एक सीट पर उपचुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। इस वजह से तब सरकार ने पीसीसीएफ वन्यजीव अजय श्रीवास्तव को पीसीसीएफ हॉफ का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा था। चुनाव खत्म होने के साथ ही प्रदेश में लगी आदर्श आचार संहिता भी हट गई, लेकिन सरकार तब से अब तक स्थायी पीसीसीएफ नहीं चुन सकी थी। सूत्रों के अनुसार सरकार के स्तर पर जिस अफसर को लगाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे, वह मौजूदा समय में कैडर में कई अफसरों से जूनियर थे। जबकि शासन में बैठे अधिकारी वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति के पक्ष में थे। इसी वजह से नए पीसीसीएफ हॉफ की नियुक्ति चार महीने तक नहीं हो सकी।