आवाज़-ए-हिमाचल
………..अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
29 नवम्बर : नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा स्थापित पार्टी पार्टी ऑल इंडिया फॉरवर्ड के प्रदेशाध्यक्ष जेजे सिंह ने कहा कि आज़ जो किसानों के साथ व्यवहार किया जा रहा है वे अशोभनिय व दुर्भाग्यपूर्ण है तथा वे इसकी कड़ी निंदा करते हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत की मांग कर रहे थे,और जब सरकार ने कोई बात नहीं सुनी तब किसानों को दिल्ली जाने के लिए मज़बूर होना पड़ा।सरकार के दबाव में पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा होता है,जो रोड़ बंद करना लाठियां मारना गंदे पानी की बौछार करना एक अशोभनिया व दुर्भाग्यपूर्ण कार्यवाई है। जेजे सिंह ने कहा कि 1987 में स्वर्गीय राजीव गांधी की सरकार थी और बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में 10 लाख किसान जंतर-मंतर से लेकर वोट-क्लब तक खचाखच भरे हुए थे।
किसी भी किसान को दिल्ली आने से नहीं रोका गया था।महासचिव हेतराम शर्मा ने कहा कि 2014 से पहले कितनी ही अच्छी-बुरी सरकारें रही हो मगर किसानों को दिल्ली में आने से नहीं रोका गया था। 2014 के बाद यह सिलसिला शुरू हुआ है जब से भाजपा की सरकार सत्ता में आई है । पार्टी के सचिव व प्रदेश प्रवक्ता बालक राम शर्मा ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन का दमन करना तानाशाही रवैया होता है।किसानों के रास्ते को रोकना,बैरिकेड लगाना,सड़के खोदना आदि साबित करता है कि तानाशाहों को अपनी जनता से ही खतरा नजर आता है।
और बिल पास करवाया गया वह भी जबरदस्ती ध्वनीमत से पास किया गया है।सभी को भरोसे में लेकर कार्रवाई नहीं की गई अब पेचीदे सवालों के जवाब के लिए सरकार तानाशाही रवैये अपना रही है।प्रदेशाध्यक्ष जेजे सिंह ने कहा कि डॉ लोहिया ने कहा था ” अगर सड़कें खामोश हो जाएं तो संसद अवारा हो जाएगी!”संसद में कानून पास करने के तरीके पिछले कई सालों से बदल गए है।सभी को भरोसे में न लेकर फैसले लिए जा रहे हैं। लोकतांत्रिक देश में मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है