आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
28 नवंबर।शायद इसी को सच्चा प्रेम कहते हैं कि जीने मरने की कसमें खाने वाले जीते भी साथ हैं और मरते भी साथ ही हैं। ऐसा की एक वाक्या पेश आया बिलासपुर नगर की गोविंद सागर झील के उस पार स्थित डमली पंचायत के ऋषिकेश गांव में जहां एक ही दिन में एक बुजुर्ग दम्पत्ति परलोक सिधार गए। इस अनूठी घटना दिन भर चर्चा का विषय बनी रही।
ऋषिकेश गांव के सेवानिवृत हेडमास्टर प्यार सिंह चंदेल (82) का शनिवार तड़के करीब तीन बजे हृदय गति रूक जाने के कारण देहांत हो गया। बताया जा रहा है कि झील के किनारे शनिवार को करीब 11 बजे उनके दाह संस्कार की प्रक्रिया अभी जारी ही थी कि उनकी धर्मपत्नी के भी स्वर्गवास होने का समाचार आ गया। स्वर्गीय प्यार सिंह चंदेल की धर्मपत्नी हुकमी देवी (75) अपने हमसफर के बिछोह के इस सदमें को सहन न कर सकी और उन्होंने भी पति वियोग में प्राण त्याग दिए।
जो लोग स्वर्गीय प्यार सिंह चंदेल को श्रद्धाजंलि देने के लिए गए थे वे श्रद्धांजलि देने के बाद जैसे ही अपने-अपने घरों की तरफ आ रहे थे कि दोबारा उन्हें शमशान घाट का रूख करना पड़ा।उनके बड़े पुत्र जगतार चंदेल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रघुनाथपुरा में गणित विषय के प्रवक्ता हैं,जबकि छोटा बेटा घर के काम काज संभालता है।
वहीं सभी प्रवक्ताओं और शिक्षको ने दिवंगत दोनो आत्माओं की शान्ति की कामना ईश्वर से करते हुए इस वज्रपात को सहने की कामना भी प्रभु से की है।