आवाज़ ए हिमाचल
कविता शांति गौतम ( बीबीएन )
8 नवंबर। उपमंडल के अंतर्गत हांडा कुंडी गौ अभ्यारण में गोवंश के लिए तूड़ी, हरा चारा, पानी तथा तथा रहन-सहन की बेहतरीन व्यवस्था है। इस गौ अभ्यारण में 200 क्विंटल तूड़ी का अतिरिक्त भंडारण किया गया है तथा नियमित अंतराल में गोवंश को हरा चारा भी प्रदान किया जा रहा है। इस गौ अभ्यारण में केवल नंदी गोवंश को ही आश्रय दिया गया है तथा अब तक एक भी गौ माता को यहां पर नहीं रखा गया है। यह जानकारी एसडीएम नालागढ़ एम पाल ने इस संबंध में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी। हाल ही के दिनों में हांडा कुंडी गौ अभ्यारण में बैलों की हुई मृत्यु के कारणों बारे जानकारी सांझा करते हुए उन्होंने बताया कि ज्यादातर बैलों की मृत्यु यहां आने से पूर्व खाए गए प्लास्टिक के लिफाफों व अन्य पदार्थों के कारण हुई है। जिसका खुलासा पशुपालन विभाग द्वारा मृत पशुओं के पोस्टमार्टम में भी किया गया है।
हांडा कुंडी में गौ माता की मृत्यु के संबंध में सोशल मीडिया पर तथ्यहीन समाचार के बारे में टिप्पणी करते हुए उन्होंने बताया कि हांडा कुंडी गौ अभ्यारण में गौ माता की मृत्यु का जिक्र किया जा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि वहां पर एक भी गौ माता को नहीं रखा गया है। उन्होंने बताया कि उक्त खबर सच्चाई एवं वास्तविकता के पूर्णतया विपरीत है। कहा कि प्लास्टिक का उपयोग न केवल पर्यावरण बल्कि गोवंश सहित अन्य पशुओं के लिए भी जानलेवा सिद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के लिफाफे व अन्य वस्तुएं खाने से हो रही गोवंश की मृत्यु के लिए ऐसे व्यक्ति जिम्मेदार हैं जो प्लास्टिक का उपयोग कर उसे खुले में फेंक रहे हैं। उन्होंने इलाका निवासियों से अपील की कि वे प्लास्टिक के लिफाफे का पूर्णता बहिष्कार करें तथा प्लास्टिक पैकेट में खरीदी गई वस्तुओं के लिफाफे को खुले में ना फैंकें।
एसडीएम ने कहा कि गौ माता हिंदू धर्म की धार्मिक भावना से जुड़ा हुआ एक संवेदनशील विषय है तथा इस बारे में तथ्यहीन व सनसनीखेज खबर फैलाना पूर्णतया गैर जिम्मेदाराना कार्य है। उन्होंने मीडिया से अपील की कि इस तरह के संवेदनशील विषयों से जुड़ी खबरें प्रसारित करने से पहले संबंधित विभाग या प्रशासन का पक्ष भी अवश्य लिखें। इस अवसर पर पशुपालन विभाग के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ राकेश ने जानकारी दी कि वर्तमान में होंडा कुलदीप अभ्यारण में 416 नंदियों को आश्रय दिया गया है जिनके लिए सरकार व प्रशासन के सहयोग से खान पान, रहन सहन के अलावा चिकित्सीय जांच की भी पूर्ण व्यवस्था की गई है उन्होंने बताया कि गौ अभ्यारण में नियमित अंतराल में पशुओं को हरा चारा भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नंदी शाला के रूप में संचालित गौ अभ्यारण हांडा कुंडी में 6 नियमित श्रमिक नियुक्त किए गए हैं।
जिन पर पचास हजार रुपए प्रतिमाह खर्च किए जा रहे हैं। यह श्रमिक सुबह से शाम तक नियमित रूप से पशुओं के खानपान तथा रहन-सहन की व्यवस्था संबंधी कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि हांडा कुंडी नंदी शाला में पशुओं की देखरेख व स्वास्थ्य संबंधी जांच पड़ताल के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से एक कर्मचारी द्वारा रोजाना दौरा किया जाता है जबकि विशेष परिस्थितियों में अविलंब पशु चिकित्सक की सेवाएं प्रदान की जाती हैं। वरिष्ठ पशु चिकित्सक ने जानकारी दी कि इस नंदी शाला में प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिमाह दो लाख रुपए से अधिक की धनराशि गोवंश की सहायता के लिए प्रदान की जा रही है जिसे गोवंश के चारे व अन्य देख-रेख संबंधी कार्यों में खर्च किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त स्वयंसेवी संस्थाओं की सहायता से नियमित अंतराल में नंदी शाला के लिए हरे चारे की व्यवस्था भी की जा रही है।