आवाज़ ए हिमाचल
सिमरन, धर्मशाला
13 अक्टूबर।हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन “शिक्षा का भारतीय स्वरूप” के विषय पर किया गया।इस दौरान महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए,जबकि इंद्रेश मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए।हिमाचल प्रदेश विवि के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की।उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ऊपर चर्चा की। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि सैनिक समाज पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर चाहती है कि वह द्विभाषी हिंदी और अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली लागू करेंगे तथा शिक्षा का मुख्य उद्देश्य आजीविका अर्जित करना होगा तथा इसी के साथ कौशल उन्मुख शिक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सब को अपनाना चाहिए व इसे आगे बढ़ाना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि राज्य की राजधानी को शिमला के बजाय केंद्रीय स्थान पर बनाया जाए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि हिमाचल संस्कृति और उद्योग व व्यापार को भी बढ़ावा दिया जाएगा। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि शिक्षा नीति बहुत आवश्यक है और इसे अन्य विश्वविद्यालयों को भी अपनाना चाहिए। इसी के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाने पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि हम सबको हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का अनुसरण करना चाहिए।तथा इसी के साथ उन्होंने एक दिवसीय संगोष्ठी के आयोजन पर उपस्थित सभी का दिल से धन्यवाद किया।