आवाज़ ए हिमाचल
9 सितम्बर। कालका -शिमला रेल लाइन बीते 112 सालों में एक इंच भी आगे नहीं बढ़ पाई है। कालका और शिमला के बीच 1903 में टॉय ट्रेन का संचालन शुरू हुआ था। 6 साल बाद 1909 में शिमला रेलवे स्टेशन से रेल ट्रैक 890 मीटर आगे शिमला ऐक्सटेंशन तक बढ़ाया गया था। जिसके चलते इसको इसके बाद 112 सालों से रेल ट्रैक आगे नहीं बढ़ पाया है। 1814 से 1816 तक हुए एंग्लो नेपाल युद्ध के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने शिमला को बेस कैंप बनाया था।
1864 में शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी और ब्रिटिश आर्मी का मुख्यालय बनाया गया था। कालका से शिमला को जोड़ने के लिए दिल्ली-अंबाला-कालका रेलवे कंपनी ने रेल लाइन बिछाने का काम शुरू किया। प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर एचएस हैरिंगटन थे। 1898 में प्रोजेक्ट शुरू हुआ और 5 साल बाद 1903 में पूरा हुआ। 9 नवंबर 1903 को ट्रेन का संचालन शुरू हो गया। अंग्रेजों ने किन्नौर जिले के कल्पा तक रेल ट्रैक बिछाने की योजना बनाई थी, जो पूरी नहीं हो सकी।