आवाज़ ए हिमाचल
स्वर्ण राणा,नूरपुर
21 अगस्त।भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच की ओर से संपूर्ण हिमाचल प्रदेश में करीब सात जिलाधीश के माध्यम से मुख्यमंत्री
जयराम ठाकुर को एक मांग पत्र दिया गया। जिसमें जिला कांगड़ा ने हिमाचल मानवाधिकार लोक बॉडी प्रांत अध्यक्ष राजेश पठानिया की अध्यक्षता में एसडीएम नूरपुर के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया।
राजेश पठानिया ने कहा कि मांग पत्र के माध्यम से सरकार से यह मांग की गई है कि सरकार पुनर्स्थापना पुनर्वास तथा भूमि अधिग्रहण 2013 एक्ट के अनुसार चार गुना मुआवजा फोरलेन व रेलवे लाइन में लागू करें। नए प्रोजेक्ट्स के लिए स्थान का चयन तकनीकी आधार पर सोशल इंपैक्ट सर्वे के पश्चात ही किया जाए और गैर कृषि भूमि जहां पर न्यूनतम विस्थापन हो ऐसी साइट को वरीयता दी जाए।स्थानीय जनता के इजमेंट राइट्स को सुनिश्चित किया जाए।मार्किट रेट के अनुसार मुआवजा दिया जाए। मुआवजे का भुगतान अति शीघ्र किया जाए। प्रस्तावित सड़क के बाहर परियोजना से प्रभावित मकानों जमीन वह बगीचे का नुकसान का मुआवजा दिया जाए। रोड प्लान के अनुसार भूमि अधिग्रहण किया जाए तथा मिट्टी डंपिंग के स्थान तय किए जाएं और पहाड़ की तरफ स्टेप कटिंग की जाए। भूमि की निशानदेही करके पक्की बुर्जा लगाई जाए 5 मीटर कंट्रोल चौड़ाई और 3 मीटर टीसीपी योजना से निरस्त किया जाए। उच्च न्यायालय मंडलीय न्यायालय में लंबित जमीन अधिग्रहण के मामलों कि निर्धारित समय सीमा में सुनवाई की जाए व स्थानीय लोगों को सभी परियोजनाओं में 70 प्रतिशत रोजगार सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा जिला सत्र पर समस्याओं के निवारण परियोजना कार्यान्वयन हेतु संयुक्त समिति गठित की जाए जो उचित निर्णय ले सके।पिछले 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी हिमाचल सरकार अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई है।भूमि अधिग्रहण मंच यह मांग करता है कि उपरोक्त मुद्दों को सरकार जल्द सुलझाए अन्यथा अक्टूबर माह में भू अधिग्रहण प्रभावित मंच राज्य जिला स्तरीय आंदोलन करेगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य केंद्र सरकार वह राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधिकारियों की होगी।