आवाज ए हिमाचल
सन्नी मेहरा, हमीरपुर
11 जून। जल संरक्षण कार्यों को वैज्ञानिक, सुनियोजित एवं प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिए हिमाचल प्रदेश के हर जिले में सभी संबंधित विभागों के आपसी समन्वय के साथ एक व्यापक जल संरक्षण योजना तैयार की जाएगी। इसमें जल शक्ति अभियान-‘कैच द रेन’, ‘पर्वत धारा’ और जल संरक्षण से संबंधित अन्य सभी गतिविधियों का समावेश किया जाएगा। हमीरपुर में भी इसके लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की तथा जिला की जल संरक्षण योजना के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा की।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि जल शक्ति विभाग के अलावा वन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि, बागवानी और कुछ अन्य विभाग भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जल संरक्षण कार्यों से जुड़े हुए हैं। इन सभी कार्यों को जिला की जल संरक्षण योजना में शामिल किया जाना है। इसके लिए जलशक्ति विभाग नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा तथा इसकी गतिविधियोंं के संचालन के लिए जिला मुख्यालय में जलशक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता (डिजाइन) कार्यालय में जलशक्ति केंद्र की स्थापना की जा रही है। सभी संबंधित विभाग अपने-अपने विभाग की योजनाओं एवं कार्यों का विस्तृत ब्यौरा 28 जून तक इस जलशक्ति केंद्र को ई-मेल के माध्यम से प्रेषित करें, ताकि जिला की जल संरक्षण योजना को अंतिम रूप दिया जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि हमीरपुर जिले की भौगोलिक परिस्थितियों और यहां पानी की कमी के मद्देनजर सभी संबंधित विभागों के अधिकारी इस प्रस्तावित जल संरक्षण योजना की गंभीरता को समझें तथा इसमें अधिक से अधिक गतिविधियों का समावेश करने का प्रयास करें। इसमें पौधारोपण, पारंपरिक जलस्रोतों का संरक्षण और अन्य कार्यों को भी शामिल किया जा सकता है। उपायुक्त ने सरकारी भवनों में वर्षा जल संग्रहण के प्रबंधों की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए।बैठक के दौरान जलशक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक गर्ग ने जल संरक्षण योजना के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। जिला स्तरीय समिति की पहली बैठक में एडीएम जितेंद्र सांजटा के अलावा लोक निर्माण विभाग, वन, ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, कृषि, बागवानी और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भी भाग लिया।